सामान्य ज्ञान

डिस्थीमिया
21-Aug-2021 12:04 PM
डिस्थीमिया

डिस्थीमिया हल्का लेकिन लंबी अवधि के डिप्रेशन का एक प्रकार है। इसके लक्षण आमतौर पर कम से कम दो साल तक या उससे भी अधिक समय तक दिखाई दे सकते हैं। डिस्थीमिया रोजमर्रा के काम और आनंद लेने की क्षमता पर असर करता है।

डिस्थीमिया में व्यक्ति का स्वभाव नियमित रूप से खराब ही रहता है। हालांकि, इसके लक्षण गंभीर डिप्रेशन की तरह नहीं होते हैं। डिस्थीमिया में मानसिक कष्ट के साथ, सामान्य दैनिक गतिविधियों में रुचि कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति निराशा,आत्मसम्मान में कमी और अधूरापन महसूस कर सकता है।

स्कलेरोडर्मा
स्क्लेरोडर्मा को कनेक्टिव टिश्यु डिस्आर्डर या ऑडो इम्यून डिस्आर्डर भी कहते है। इसमें किसी भी व्यक्ति के कनेक्टिव टिश्यु में परेशानी आने लगती है, जिससे त्वचा संबंधी कई प्रकार की समस्या पैदा हो जाती हैं। स्क्लेरोडर्मा और डिप्रेशन के बीच बहुत ही दिलचस्प संबंध है।

ऐसा देखा गया है कि 50 प्रतिशत लोग जो स्क्लेरोडर्मा से पीडि़त हैं, वे डिप्रेशन से भी पीडि़त हैं। इस बीमारी से मस्तिष्क में होने वाला न्यूरोट्रांसमीटर परिवर्तन डिप्रेशन का कारण बनता है यह सब व्यक्ति के मूड,आत्मविश्?वास और एनर्जी लेवल को प्रभावित करता है जिसका परिणाम डिप्रेशन के रूप में सामने आता है। इस प्रकार से स्क्लेरोडर्मा कई लोगों में डिप्रेशन का कारण बनता है।
 
सडक़ के बाईं ओर ही क्यों चलना चाहिए?
दुनिया के एक चौथाई देशों में सडक़ के बाईं ओर चलने की प्रथा है, इनमें से अधिकांश देश वो हैं, जो कभी ब्रिटेन के उपनिवेश हुआ करते थे। पुराने जमाने में सभी बांई ओर चला करते थे, क्यों वही समझदारी का काम था। इसकी वजह ये थी कि घुड़सवारों के लिए सडक़ की तरफ से घोड़े पर चढऩा आसान होता है, जिससे उनका दायां हाथ तलवार चलाने के लिए खाली रह सके और वो सामने से आने वाले अपने प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला कर सके।

दूसरा कारण यह रहा होगा कि अधिकतर लोग दाएं हाथ से काम करते हैं, इसलिए किसी भी वाहन को चलाने के लिए दाएं हाथ का इस्तेमाल बेहतर है। सन 1969 में एक अनुसंधान हुआ, जिसमें पाया गया कि जिन देशों में ट्रैफिक बाईं ओर चलता है, वहां दुर्घटनाएं कम होती हैं।

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