सामान्य ज्ञान
भारतीय बैंक उन छात्रों को एजुकेशन लोन देते हैं, जो यहां के नागरिक हैं और देश या विदेश में ग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट या प्रोफेशनल कोर्सेज की पढ़ाई कर रहे हैं। इन लोन की रीपेमेंट कोर्स समाप्त होने के 1 साल बाद या छात्र को नौकरी मिलने के 6 महीने बाद (जो भी पहले हो) शुरू होती है। भारत में पढऩे के लिए किसी छात्र को अधिकतम 10 लाख और विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपए का लोन मिल सकता है।
एजुकेशन लोन में एकोमोडेशन चार्जेज, बुक्स और इक्विपमेंट खरीदने का खर्च, एग्जामिनेशन और लाइब्रेरी फीस, ट्रैवल का खर्च और छात्र के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम शामिल होता है। ऐप्लिकेशन फॉर्म के साथ फीज स्ट्रक्चर और ऐडमिशन लेटर, केवाईसी डॉक्युमेंट्स, उम्र, पहचान और पते का सबूत, बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिप और आईटी रिटर्न जैसे इनकम डॉक्युमेंट्स जमा करने होते हैं।
4 लाख रुपए तक के लोन के लिए किसी मार्जिन की जरूरत नहीं होती। 4 लाख रुपए से ज्यादा के लोन के लिए 5 फीसदी मार्जिन भारत में पढ़ाई के लिए और 15 फीसदी विदेश में पढ़ाई के लिए जमा करना होता है। 4 लाख रुपए तक के लोन के लिए सिक्यूरिटी की जरूरत नहीं पड़ती। 4 से 7.5 लाख रुपए तक के लोन के लिए लोन वैल्यू की 100 फीसदी थर्ड-पार्टी गारंटी की जरूरत होती है।
एजुकेशन लोन के लिए प्रोसेसिंग चार्ज नहीं है। इनके लिए इंटरेस्ट रेट्स बैंक के संबंधित बेस रेट्स और एक विशेष मार्क-अप से तय होते हैं, जिनका फैसला बैंक करता है। महिलाओं को कम से कम इंटरेस्ट रेट पर आधा फीसदी की छूट मिलती है। बॉरोअर या को-बॉरोअर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 (ई) के तहत टैक्स बेनेफिट ले सकता है।