सामान्य ज्ञान
हस्त एक प्रकार का नक्षत्र हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र में पैदा हुआ जातक आकर्षक व्यक्तित्व का धनी होता है। हस्त नक्षत्र श्रेणी का 13वां नक्षत्र है। इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है। यह पू ष ण ढ प्रथम नाम अक्षर से पहचाना जाता है। नक्षत्र स्वामी चंद्रमा तो राशि कन्या इसका स्वामी बुध है। चंद्र का बुध शत्रु है। वैदिक ज्योतिष हस्त नक्षत्र को एक पुरुष नक्षत्र मानता है जिसका कारण अधिकतर वैदिक ज्योतिषी इस नक्षत्र का सावित्र के साथ गहरा संबंध मानते हैं।
हस्त का शाब्दिक अर्थ है हाथ और इसी के अनुसार वैदिक ज्योतिष में हस्त नक्षत्र को हाथ तथा इसके साथ जुड़ी विशेषताओं के साथ जोड़ा जाता है। वैदिक ज्योतिष में प्रचलित धारणा के अनुसार हाथ की खुली हुई हथेली को इस नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है।
बारह आदित्यों में से एक माने जाने वाले सावित्र को वैदिक ज्योतिष के अनुसार हस्त नक्षत्र का देवता माना जाता है। सावित्र को वैदिक ज्योतिष में रचना करने की प्रवृति तथा रचना करने को प्रोत्साहन देने की प्रवृति के साथ जोड़ा जाता है तथा सावित्र के चरित्र की ये विशेषताएं हस्त नक्षत्र के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। सावित्र को एक चंचल, चुलबुला तथा हंसमुख देवता भी माना जाता है जो प्रत्येक प्रकार के खेल तथा मनोरंजन को भी प्रोत्साहित करता है तथा विशेषतया उन खेलों को जिनमें शारीरिक क्षमता का प्रयोग होता हो अथवा मानसिक क्षमता का प्रयोग होता हो तथा सावित्र की ये विशेषताएं हस्त नक्षत्र के माध्यम से भी प्रदर्शित होती हैं।