सामान्य ज्ञान
इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार 1987 से दिए जा रहे हैं। केंद्र के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य और सुधार के लिए ही इस पुरस्कार की स्थापना की। वर्ष 1987 में इन पुरस्कारों की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में की गई थी।
इस पुरस्कार के लिए भारत का कोई भी नागरिक, जिसने पर्यावरण के क्षेत्र में कम से कम 10 साल का कार्य (अनुभव के समर्थन में प्रकाशित या स्थलीय कार्य), पर्यावरण के क्षेत्र में कम से कम 5 वर्ष से कार्यरत गैर-सरकारी संस्थाएं और राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के पर्यावरण और वन विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिलाधिकारी/मजिस्ट्रेट भी क्षेत्र में कम से कम 5 वर्ष से कार्यरत भारत के किसी भी नागरिक या संस्था का नाम प्रस्तावित कर सकते हैं।
पुरस्कार में संस्थागत श्रेणी के अंतर्गत 5-5 लाख रुपये के दो नकद पुरस्कार और व्यक्तिगत श्रेणी में तीन नकद पुरस्कार क्रमश: 5, 3 और 2 लाख रुपये के दिए जाते हैं। पुरस्कार राशि के साथ-साथ विजेताओं को एक रजत कमल ट्रॉफी और प्रशंसा पत्र भी दिए जाते हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत भारत का कोई भी नागरिक या संस्थान पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकता है। व्यक्तिगत नामांकन के लिए कोई आयु सीमा नहीं है।