सामान्य ज्ञान
ज्वार विश्व की एक मोटे अनाज वाली महत्वपूर्ण फ़सल है। वर्षा आधारित कृषि के लिए ज्वार सबसे उपयुक्त फ़सल है। ज्वार फ़सल का दोहरा लाभ मिलता है। मानव आहार के साथ-साथ पशु आहार के रूप में इसकी अच्छी खपत होती है।
वर्तमान समय में भारत में ज्वार की खेती मध्य प्रदेश, ओडि़शा, उत्तर प्रदेश तथा पंजाब राज्यों में बहुतायत में की जाती है। ज्वार का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है। इसके बाद द्वितीय स्थान कर्नाटक एवं तृतीय स्थान मध्य प्रदेश का है। इसके अलावा आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात इत्यादि राज्यों में भी इसकी कृषि की जाती है। ज्वार के दाने का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाला एल्कोहल बनाने में भी किया जाता हैं। ज्वार ऊष्ण जलवायु की फसल है, परन्तु शीघ्र पकने वाली जातियां ठंडे प्रदेशों में भी गर्मी के दिनों में उगाई जा सकती है ।
सफ़ेद ज्वार के आटे से ब्रेड, बिस्किट एवं केक बनाए जा सकते हैं। ज्वार के आटे के स्वाभाविक रूप से मीठा होने के कारण चीनी की मात्रा कम रखकर मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा स्नैक्स तैयार किया जा सकता है। ब्रेड बनाने के लिए ज्वार और गेहूं के आटे की मात्रा 60 प्रतिशत + 40 प्रतिशत रखी जाती है। इसके अतिरिक्त सामान्य रूप से बीयर, जौ, मकई अथवा धान से तैयार की जाती है, परन्तु ज्वार के अनाज से भी स्वादिष्ट एवं सुगंधित बीयर बनाई जा सकती है, जो अन्य धान्य से बनाई बीयर से सस्ती पड़ती है।