सामान्य ज्ञान
राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले विज्ञान केंद्रों की सर्वोच्च संस्था है। एनसीएसएम विज्ञान केंद्रों और संग्रहालयों के एक नेटवर्क के जरिए विज्ञान के बारे में समझ बढ़ाने के काम में लगी हुई है। इसी योजना के तहत तमिलनाडु के कोयंबटूर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र स्थापित किया गया है।
यहां पर एक पेंडुलम रखा है, जिसका नामकरण फ्रांसीसी भौतिक शास्त्री लियोन फॉकोल्त के नाम पर किया गया था। फॉकोल्त पेंडुलम एक साधारण यंत्र है जिसे पृथ्वी की परिक्रमा दिखाने के लिए प्रयोग के तौर पर लगाया गया था। हालांकि, वर्षों से सभी जानते थे कि पृथ्वी सूर्य के चारों और चक्क्र लगाती है लेकिन 1851 में इसके लगने के बाद परिक्रमा को अनुभव करने का यह पहला साधारण सबूत था। 8.5 करोड़ रूपये की लागत से करीब चार हजार वर्ग मीटर में बनाये गये इस केंद्र में तीन स्थायी गैलरियां हैं- ‘टेक्सटाइल हॉल’, ‘चीजें कैसे काम करती हैं’ और ‘मौज मस्ती विज्ञान’।
टेक्सटाइल हॉल का कोयम्बटूर में विशेष महत्व है जिसे भारत का मैनचैस्टर भी कहा जाता है। इसकी उर्वर, काली मिट्टी कपास की खेती के लिये उपयुक्त है- जो वस्त्र उद्योग का मुख्य आधार है। नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि अकेले कोयम्बटूर में करीब 25 हजार औद्योगिक इकाइयां वस्त्र से जुड़ी हैं।
‘चीजें कैसे काम करती है’ गैलेरी विज्ञान और दैनिक जीवन के बीच की खाई को पाटती है। इसमें हमारे रोजना इस्तेमाल में आने वाली विभिन्न मशीनों के पीछे काम करने वाले विज्ञान की जानकारी भी है। गैलेरी में प्रदर्शित मशीनों में बार कोर्ड रीडर, अलग अलग तरह के पम्प तथा मोटरें आदि है। यह गैलेरी 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है और इसमें करीब 50 चीजें प्रदर्शित की गई है।
मौज मस्ती विज्ञान गैलरियों ऐसी चीजें रखी गई है जो विज्ञान को समझने के तरीके को दिलचस्प बनाती है। साधारण प्रयोगों के जरिए इसमें प्रकाश विज्ञान, तरंग सिद्धांत, विद्युत और आकर्षण शक्ति का उत्पादक कारण को समझा जा सकता है। यह गैलेरी 600 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है और इसमें करीब 60 वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। छोटे बच्चों के लिए चिल्ड्रेन कॉर्नर, तारामंडल, विज्ञान पार्क इस क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र के आकर्षण के अन्य केंद्र है।
विज्ञान पार्क करीब 8 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। गुरूत्वाकर्षण, प्रकाश विज्ञान, लीवर्स आदि इस पार्क में रखे गये है। इस पार्क में पैराबोलिक, रिफलेक्टर्स और प्राग ऐतिहासिक जानवरों के मॉडल लगे है जो विज्ञान और उसके इतिहास को जीवंत बना देते है। इस पार्क में नामी भारती वैज्ञानिकों की प्रतिमाएं लगी है ंजिसमें आगुंतक अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।