सामान्य ज्ञान
वैचारिक दृष्टि से कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग Department of Personnel and Training की भूमिका को दो भागों में बांटा जा सकता है । यह विभाग अपनी महती नोडल भूमिका में नीति-निरूपक तथा सरकार के सजग प्रहरी के रूप में कार्य करता है और यह सुनिश्चित करता है कि यथानिर्धारित, कतिपय स्वीकृत मानकों और मानदण्डों का सभी मंत्रालयों/विभागों द्वारा भर्ती, सेवा-शर्तों के विनियमन एवं कार्मिकों की प्रतिनियुक्ति के साथ-साथ अन्य सम्बद्ध मामलों में पालन किया जाए ।
इस उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में विभाग द्वारा सभी मंत्रालयों/विभागों के लाभ हेतु मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किए गए हैं । इस विभाग द्वारा इन मार्गदर्शी सिद्धांतों के कार्यान्वयन की निगरानी भी की जा रही है । कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग केन्द्रीय सरकार के सभी संगठनों को कार्मिक-प्रबंध के मुद्दों पर सलाह भी देता है । अधिक नजदीकी दृष्टि से देखें तो यह विभाग, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई.ए.एस.) तथा केन्द्रीय सचिवालय सेवा (सीसीएस) का संवर्ग-नियंत्रक प्राधिकारी होने के नाते सीधे रूप से उत्तरदायी है । यह विभाग, केन्द्रीय स्टाफिंग योजना का भी संचालन करता है, जिसके अंतर्गत अखिल भारतीय सेवाओं तथा समूह ‘क’ केन्द्रीय सेवाओं के अधिकारियों में से उपर्युक्त अधिकारियों का चयन किया जाता है तथा उन्हें प्रतिनियुक्ति के आधार पर कार्यकाल विशेष हेतु उप सचिव/निदेशक तथा संयुक्त सचिव के स्तर के पदों पर तैनात किया जाता है ।
यह विभाग सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उपक्रमों/उद्यमों, निगमों, बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, पूर्णकालिक कार्यात्?मक निदेशकों/प्रबंध मण्डल के सदस्यों के पदों पर नियुक्ति के मामलों को भी देखता है । यह विभाग विभिन्न विकासशील देशों में भारतीय विशेषज्ञों की नियुक्ति का कार्य भी देखता है । यह विभाग अखिल भारतीय और केन्द्रीय सेवाओं की प्रशिक्षण नीतियां बनाने और उनका समन्वय करने और राज्य सरकार के कर्मचारियों की क्षमता निर्माण का कार्य भी करता है ।