सामान्य ज्ञान
मुहम्मद गौरी यानी शहाब-उद-दीन मुहम्मद गोरी 12वीं शताब्दी का अफग़़ान सेनापति था जो 1202 ई. में ग़ोरी साम्राज्य का शासक बना। सेनापति की क्षमता में उसने अपने भाई गिय़ास-उद-दीन ग़ोरी (जो उस समय सुलतान था) के लिए भारतीय उपमहाद्वीप पर ग़ोरी साम्राज्य का बहुत विस्तार किया और उसका पहला आक्रमण मुल्तान (1175 ई.) पर था। पाटन (गुजरात) के शासक भीम द्वितीय पर मोहम्मद ग़ौरी ने 1178 ई. में आक्रमण किया किन्तु मोहम्मद गोरी बुरी तरह पराजित हुआ।
मोहम्मद ग़ोरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच तराईन के मैदान में दो युद्ध हुए। 1191 ई. मे हुए तराईन के प्रथम युद्ध मे पृथ्वीराज चौहान की विजय हुई किन्तु अगले ही वर्ष 1192 ई. मे पृथ्वीराज चौहान को तराईन के द्वितीय युद्ध में मोहम्मद ग़ौरी ने बुरी तरह पराजित किया। मोहम्मद ग़ौरी ने चंदावर के युद्ध (1194 ई.) में दिल्ली के गहड़वाल वंश के शासक जयचंद को पराजित किया। मोहम्मद गोरी ने भारत में विजित साम्राज्य का अपने सेनापतियों को सौंप दिया और वह गजऩी चला गया। बाद मे गोरी के गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुलाम राजवंश की नींव डाली।
किशोरी शक्ति योजना
समन्वित बाल विकास योजना के अंतर्गत किशोरी बालिकाओं के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु किशोरी शक्ति योजना को संचालित किया गया है। प्रथम चरण में इस योजना को देशभर के 507 विकासखंडों में लागू किया गया था ।
यह योजना ऐसे परिवारों की बालिकाओं के लिए हैं, जिनकी वार्षिक आमदानी 6 हजार 400 रुपए तक है। इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होने वाली गरीब परिवारों की बालिकाओं के उचित लालन-पालन, स्वास्थ्य और शिक्षित होने की संभावनाएं तथा समाज में लडक़े और लड़कियों में बरते जाने वाले भेदभाव और सामाजिक विषमता में कमी लाने की संभावनाएं व्यक्त की गई हैं।
इस योजना को दो भागों में बांटकर चलाया जा रहा है। पहली योजना गर्ल टू गर्ल एप्रोच तथा दूसरी योजना बालिका मंडल योजना का नाम दिया गया है। पहली योजना 11 से 15 वर्ष आयु वर्ग की किशोरियों के लिए तथा दूसरी योजना 15 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की किशोरियों के लिए है। दूसरे वर्ग की किशोरियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।