सामान्य ज्ञान
गूगल आज इंटरनेट का पर्याय बन चुका है। दुनिया भर में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले गूगल का महत्व जानते हैं। वर्ष 1998 में लैरी पेज और सैर्गे ब्रिन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी करने के दौरान इसकी रचना की।
अनुमान है कि गूगल कॉर्पोरेशन इस वक्त दुनिया भर के डाटा सेंटरों में 10 लाख से ज्यादा सर्वर चला रहा है। हर दिन उसे एक अरब से ज्यादा खोज के अनुरोधों को पूरा करना होता है। गूगल का इस्तेमाल करने वाले हर दिन करीब 24 पेटाबाइट्स डाटा इंटरनेट पर डाल देते हैं। दिसंबर 2012 में गूगल डॉट कॉम को दुनिया में सर्वाधिक देखी जाने वाली वेबसाइट घोषित किया गया।
गूगल से जुड़ी कई दूसरी वेबसाइट दुनिया की 100 सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वेबसाइटों में शामिल हैं। इनमें यूट्यूब और ब्लॉगर जैसी वेबसाइट शामिल हैं। ईमेल के लिए जीमेल, सोशल नेटवर्किंग के लिए ऑरकुट और गूगल प्लस, ऑफिस के लिए गूगल ड्राइव, इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए क्रोम जैसी दर्जनों चीजें इंटरनेट के आम से लेकर खास तबके तक की जरूरतों और शौकों को पूरा करती हैं। इंटरनेट पर जानकारी जुटाने का एक टर्म है गूगल और अब एक बड़ी जरूरत बनता जा रहा है।
हालांकि ऐसा भी नहीं कि सब कुछ ठीक ही है। मार्केट पर इसके दबदबे के कारण कॉपीराइट, सेंसरशिप और प्राइवेसी को लेकर गूगल की बड़ी आलोचना होती है, लेकिन इसके बावजूद यह दुनिया का चहेता बना हुआ है।