विचार / लेख
-प्रकाश दुबे
रावण का वध करने के बाद राम ने विभीषण का राजतिलक कर लंका का अधिपति बनाया। नए नृपति विभीषण ने श्री राम को पुष्पक विमान से सहयोगियों सहित अयोध्या भेजा। अयोध्या में दीप पर्व मनाया गया। त्रेता युग की कहानी का कलयुगी रूप उपचुनावों में देखा जा सकता है।
कांग्रेस छोडक़र भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर छह बरस के अंदर असम के मुख्यमंत्री बने हिमांत विश्व शर्मा ने उपचुनाव में सारी विधानसभा सीटें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की झोली में डाल दीं। उन विधानसभा क्षेत्रो में भी सत्ता पक्ष की जीत हुई जहां कांग्रेस से जीते विधायक दलबदल कर भाजपा में शामिल हुए। विभीषण-दांव का मध्य प्रदेश में लाभ हुआ। कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने भाजपा में शामिल होकर खंडवा लोकसभा उपचुनाव का पांसा पलटने में मदद की। पिछड़े समुदाय के वोटों के कारण सचिन सचमुच बिड़ला साबित हुए। कांग्रेस का मनोबल तोडऩे में उनके योगदान का जल्दी ही पुरस्कार मिल सकता है। उत्तर प्रदेश से सटे पृथ्वीपुर में भाजपा ने शिशुपाल सिंह को उम्मीदवार बनाया। समाजवादी पार्टी के शिशुपाल को आस्था बदलने का ईनाम मिला।
उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने दूसरी बार झपट रणनीति खेली। सपा से चुने गए नितिन अग्रवाल कुछ दिन पहले ही उप्र विधानसभा के उपसभापति चुने गए। अखिलेश यादव के कान खड़े हुए होंगे। तेलंगाना की हुजूराबाद सीट से एटाला राजेन्दर उपचुनाव जीते। जमीन घोटाले में लिप्त राजेंदर को मंत्रिमंडल से हटाया गया था। उन्हें विशेष विमान से दिल्ली ले जाकर गाजे-बाजे के साथ भाजपा में शामिल कराया गया था।
बंगाल में विभीषण-दांव नहीं चला
केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक के पास युवा मामले और खेल मंत्रालय का जिम्मा भी है। उनके लोकसभा क्षेत्र में दिनहाटा में तृणमूल कांग्रेस के उदयन गुहा ने भाजपा प्रत्याशी को एक लाख 60 हजार मतों के अंतर से पराजित किया। विधानसभा के उपचुनाव में यह संभवत: विश्व कीर्तिमान है।
दबंग छवि वाले 35 वर्षीय प्रमाणिक के विरुद्ध 11 फौजदारी मामले दर्ज हैं। उनकी शैक्षणिक योग्यता के दावे पर विवाद के कारण परिचय से स्नातक शब्द गायब किया गया। वर्ष 2018 में तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित निशीथ को मार्च 2019 में भाजपा में शामिल किया गया। अजय मिश्र के बाद दूसरे गृह राज्यमंत्री प्रमाणिक ने केन्द्रीय गृह मंत्री की नाक नीची कर दी।
80 वर्षीय सोवनदेव चट्टोपाध्याय ने ममता बनर्जी के लिए भवानीपुर की विधायकी से त्यागपत्र दिया था। खरदा में जीता तृणमूल विधायक कोरोना की बलि चढ़ा। इसलिए उपचुनाव हुआ। खरदा उपचुनाव में 93 हजार से अधिक वोट से जीते। वफादारी को भारी जीत मिली? आर्थिक मामलों के वरिष्ठ पत्रकार प्रज्ञानंद चौधुरी ने याद दिलाया-पेट्रोल एक सौ बारह रुपए लिटर बिक रहा है। डीजल सौ पार कर चुका। हर क्षेत्र में महंगाई से उपजे असंतोष को न भूलें।
(लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)