सामान्य ज्ञान
कोलार स्वर्ण क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी कर्नाटक (भूतपूर्व मैसूर) राज्य, दक्षिण-पश्चिम भारत का एक नगर है। यह दक्षिण रेलवे की शाखा पर स्थित है, जो बंगारपेट से बंगलोर तक चलती है। यहां की आर्थिक गतिविधियां सोने की खदानों पर केंद्रित है, जो स्वर्णयुक्त क्षेत्र का दक्षिणी हिस्सा है और 65 किमी तक फैला हुआ है।़
कोलार के छह किमी लंबे और औसतन छह किमी चौड़े उत्पादक क्षेत्र में सबसे पहले 1881 में सोने का खनन हुआ। दो वर्षों के भीतर चार मुख्य खदानें (चैंपियन, ऊरगॉम नंदीदोरोग और मैसूर) खुल गई। सबसे गहरी खदान ऊरगॉम, समुद्रतल से 2, 946 मीटर नीचे तक पहुंच गई है, हालांकि कुछ वर्षों तक वार्षिक उत्पादन, भारत के कुल स्वर्ण उत्पादन के 95 प्रतिशत से अधिक था, लेकिन उत्पादन घटने पर उन्हें बंद होने से बचाने के लिए 1950 के दशक में उनका राष्टï्रीयकरण कर दिया गया। वर्ष 2000 के आरंभ में इन खदानों को बंद करने के सरकारी फैसले के बाद प्रतिक्रिया स्वरूप नौकरी से हटा जाने वाले श्रमिकों का विरोध प्रदर्शन भडक़ उठा, जहां वैकल्पिक आर्थिक आधार स्थापित हुए हैं, वहां नगर आगे बढ़ रहा है। नगर के निकट ही मारिकुप्पम औद्योगिक क्षेत्र (टाईल और ईंट निर्माण) और रॉबर्टसोनपेट आवासीय क्षेत्र स्थित है।