सामान्य ज्ञान
कापुचीनो एक इटालियन कॉफ़ी पेय है जो एस्प्रेसो, गर्म दूध और भाप से गाढ़ा किए दूध के झाग से बनता है। यह नाम कापुचिन फ्रायर्स से पड़ा है जो उनकी आदतों के रंग से जुड़ा है।
कापुचीनो एक ऐसी कॉफ़ी है जिसके ऊपर झागदार दूध डाला जाता है। इसे भाप बनाने वाली एस्प्रेसो मशीन में बनाया जाता है। पहले एस्प्रेसो कॉफ़ी को कप के बिलकुल नीचे एक-तिहाई तक डाला जाता है, और फिर उसमें उतनी ही मात्रा में गर्म दूध मिलाया जाता है। फिर ऊपरी एक-तिहाई हिस्से में, एक या दो मिनट पहले तैयार किये गए गाढ़े दूध का झाग मिलाया जाता है, इस झाग को अक्सर बड़े कलात्मक तरीके से ऐसे सजाया जाता है कि यह एक नुकीले टीले की तरह दिखाई दे। अक्सर छिला हुआ चॉकलेट, कच्ची चीनी, दालचीनी और अन्य मसालों को पूर्णतया तैयार किए पेय के ऊपर छिडक़ कर सजावट की जाती है और फिर कापुचीनो का सेवन एक छोटे चम्मच से किया जाता है।
कैपुचिनो बनाने के लिए उपयोग किये जाने वाले एस्प्रेसो मशीनों को 20 वीं सदी में पहली बार प्रस्तुत किया गया जब मिलान के लुइगी बेज़ेरा ने 1901 में सबसे पहले इसे पेटेंट के लिए दाखिला करवाया। 19वीं सदी की शुरुआत में ही, इटली में कैपुचिनो का विकास हुआ, और इसकी लोकप्रियता में भी खूब बढ़ोतरी हुई जब कैफ़े और रेस्तरां में उपयोग की जाने वाली बड़ी-बड़ी एस्प्रेसो मशीनों में, विश्व युद्ध ढ्ढढ्ढ के दौरान और उसके बाद भी काफ़ी सुधार किया गया, खासकर तब जब 1948 में गागिया नामक इटालियन कंपनी ने आधुनिक, उच्च-दबाव वाली एस्प्रेसो मशीन प्रस्तुत की। 1950 वें दशक तक तो इस पेय का वर्तमान रूप विकसित हो चुका था। इटली में कैपुचिनो को सुबह के पेय के रूप में पिया जाता है और सुबह के 11.00 बजे के बाद तो लोग इसे बहुत कम पीते हैं।