सामान्य ज्ञान
9 नवंबर का दिन जर्मनी के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। आज ही के दिन बर्लिन की दीवार ढहाई गई थी। बर्लिन की दीवार ने करीब तीन दशकों तक न सिर्फ जर्मनों को बल्कि पूरी दुनिया को बांट कर रखा।
1950 और 1960 के दशक के शीत युद्ध में पश्चिमी देश बर्लिन को पूर्वी ब्लॉक की जासूसी के लिए भी इस्तेमाल करते थे। जब तक सीमा खुली थी तो वे रूसी सेक्टर में चले जाते थे। वर्ष 1960 में लगभग 80 जासूसी सेंटर थे। इतने ही सेंटर पूर्वी ब्लॉक के खिलाफ भी काम कर रहे थे। इस तरह के जासूसी युद्ध को उस जमाने में खामोश युद्ध कहा जाता था। इन्हीं सब वजहों से परेशान हो कर 1961 में 12 और 13 अगस्त की रात पूर्वी और पश्चिमी बर्लिन की सीमा को बंद कर दिया गया। हजारों सैनिक सीमा पर तैनात किए गए और मजदूरों ने कंटीले तार लगाने शुरू किए। यह काम रात को एक बजे शुरू किया गया और सडक़ों पर जलने वाली लाइटें भी बंद कर दी गईं ताकि पश्चिमी हिस्से के लोगों को पता न चले। सुबह तक शहर दो हिस्सों में बंट चुका था और लोगों को पता ही नहीं चल रहा था कि क्या हो रहा है। करीब तीन दशक तक पूर्वी और पश्चिमी बर्लिन को अलग-अलग रखने के बाद आखिरकार साल 1989 में बर्लिन की दीवार गिरा दी गई।