सामान्य ज्ञान
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) इन्वेस्टमेंट के कई तरीकों में एक है। इसका इस्तेमाल रईस इन्वेस्टर और कंपनियां एक साथ इक्विटी, फिक्स्ड इनकम, गोल्ड और स्ट्रक्चर्ड प्रॉडक्ट्स जैसे कई तरह के प्रॉडक्ट्स में इन्वेस्टमेंट के लिए करते हैं। इसकी तुलना म्यूचुअल फंड्स से की जा सकती है और इसी की तरह पीएमएस के कई फायदे और नुकसान हैं।
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस प्रवाइडर क्लाइंट्स को शेयर, डेरिवेटिव्स और दूसरे तरह की फाइनैंशल सिक्युरिटी की खरीद-फरोख्त करने की सलाह देते हैं। पीएमएस के टाइप के हिसाब से पोर्टफोलियो मैनेजर क्लाइंट्स के लिए सिक्युरिटीज की खरीद-फरोख्त भी कर सकता है। पोर्टफोलियो मैनेजर बनने के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी के पास रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। पीएमएस इन्वेस्टर के पोर्टफोलियो में इंडिविजुअल शेयर होते हैं, जबकि म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्टर को यूनिट्स मिलते हैं।