सामान्य ज्ञान

पोस्त
17-Feb-2022 11:36 AM
पोस्त

पोस्त (पॉपी ) या पोस्ता फूल देने वाला एक पौधा है जो पॉपी कुल का है। पोस्त भूमध्यसागर प्रदेश का देशज माना जाता है। यहां से इसका प्रचार सब ओर हुआ। इसकी खेती भारत, चीन, एशिया माइनर, तुर्की आदि देशों में मुख्यत: होती है। भारत में पोस्ते की फसल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में बोई जाती है। पोस्त की खेती और व्यापार करने के लिए सरकार के आबकारी विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है। पोस्ते के पौधे से अफीम निकलती है, जो नशीली होती है।

पोस्ते का पौधा लगभग 60 सेंटीमीटर ऊंचा होता है। फूल सफेद, लाल, बैंगनी, और पीले, इस प्रकार विभिन्न रंगों के होते हैं। अफीमवाले पोस्ते के फूल लाल अथवा बहुत हलके बैंगनी रंग के, या सफेद, होते हैं। फल, जिसे  डोडा कहते हैं, चिकना और अंडाकार होता है। पोस्ते की दूसरी जातियों को, जिन्हें फूलों के लिए लगाया जाता है, शर्ली पॉपीज कहते हैं।

पोस्त मुख्यत: अफीम के लिये बोया जाता है। कच्चे डोडे पर तेज चाकू से धारियां बनाने पर, एक प्रकार का दूध निकलता है जो सूखकर गाढ़ा होने पर खुरच लिया जाता है। यही अफीम है। इसमें से मॉरफीन और कोडीन निकाले जाते हैं, जो दवाइयों में काम आते हैं। अफीम में साधारणत: 8 से 13 प्रतिशत मॉरफीन होता है, अधिक से अधिक 22.8 प्रतिशत। एक एकड़ भूमि से लगभग 25 सेर अफीम निकल आती है।

 बहुत से देशों में पोस्त की खेती उसके बीजों के लिए की जाती है,  जिन्हें खसखस या पोस्तदाना कहते  हैं। बीज सफेद या काले रंग के होते हैं। इनमें तेल की मात्रा 40 से 60 प्रतिशत तक होती है। तेल खाद्य सामग्री में काम आता है। बीज मिठाई, ठंढाई  आदि बनाने में उपयोगी हैं। खसखस में नशीला पदार्थ नहीं होता। यह औषधियुक्त भी मानी गई है। गढ़वाल जिले में पोस्त के हरे पत्तों से सब्जी भी बनाई जाती है।

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