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होमरूल लीग आंदोलन
18-Feb-2022 10:39 AM
होमरूल लीग आंदोलन

होमरूल लीग आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन रहते हुए संवैधानिक तरीक़े से स्वशासन को प्राप्त करना था। इस लीग के प्रमुख नेता बाल गंगाधर तिलक और श्रीमती एनीबेसेंट थीं। स्वराज्य की प्राप्ति के लिए तिलक ने 28 अप्रैल, 1916 ई. को बेलगांव में होमरूल लीग की स्थापना की थी। लीग का प्रभाव कर्नाटक, महाराष्ट्र (बम्बई को छोडक़र), मध्य प्रांत एवं बरार तक फैला हुआ था।

भारत आकर एनीबेसेंट ने साप्ताहिक पत्र  कामनवील  का 2 जनवरी, 1914 ई. से एवं दैनिक पत्र न्यू इंडिया का 14 जुलाई, 1914 ई. से प्रकाशन प्रारम्भ किया। इन पत्रों के द्वारा एनी बेसेंट ने भारतीयों में स्वतंत्रता एवं रातनीतिक भावना को जागृत किया। उन्होंने भारत में आयरलैण्ड की तरह सितम्बर, 1916 ई. में मद्रास (अडयार) में होमरूल लीग की स्थापना की तथा जॉर्ज अरुंडेल को लीग का सचिव नियुक्त किया। कालान्तर में होमरूल लीग के बढ़ते हुए प्रभाव से ख़तरा महसूस करके ब्रिटिश सरकार ने एनी बेसेंट, जॉर्ज अरुन्डेल तथा वी.पी. वाडिया को 1917 ई. में गिरफ्तार कर लिया।

चारो ओर से दबाव महसूस होने पर भारत सचिव मांटेग्यू ने 20 अगस्त, 1917 ई. को ब्रिटिश संसद में इस आशय का एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें भारत को उत्तरादायी शासन प्रदान करने की बात की गई थी। इसके परिणामस्वरूप एनीबेसेंट ने 20 अगस्त, 1917 ई. को ही  होमरूल लीग  को समाप्त करने की घोषणा की।

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