सामान्य ज्ञान

क्या है गोल्ड डिपॉजिट स्कीम
22-Feb-2022 10:38 AM
क्या है गोल्ड डिपॉजिट स्कीम

बैंक कस्टमर्स को गोल्ड डिपॉजिट स्कीम ऑफर करते हैं, जिसमें उन्हें बेकार पड़े सोने पर ब्याज कमाने का मौका मिलता है। इस स्कीम में भारतीय नागरिक, संयुक्त हिंदू परिवार, ट्रस्ट और कंपनियां इन्वेस्ट कर सकती हैं। यह डिपॉजिट आमतौर पर 3-7 साल के लिए किया जा सकता है। यह स्कीम ऑफर करने की इजाजत बैंकों की खास ब्रांच को ही होती है।

 इन्वेस्टर को अकाउंट खोलने के लिए ऐप्लिकेशन और नॉमिनेशन फॉर्म के साथ एक फोटो, आइडेंटिटी और अड्रेस प्रूफ देना होता है। इसके साथ इंटरेस्ट सीधे बैंक अकाउंट में डाले जाने के लिए ईसीएस फॉर्म भी भरना पड़ता है। कस्टमर को इसके साथ ही डिपॉजिट किए गए गोल्ड के लिए इन्वेंटरी फॉर्म भरना होता है। इसमें सोने का ब्योरा होता है।

 सोने के गहनों, सिल्लियों और सिक्कों को डिपॉजिट किया जा सकता है। कस्टमर्स अपने अकाउंट में कितना सोना जमा कर सकता है, इस बारे में हर बैंक की यह लिमिट अलग-अलग होती है।

 डॉक्युमेंट और गोल्ड जमा करने के बाद सोने की क्वॉलिटी की शुरुआती जांच होती और उस पर प्रविजनल रिसीट जारी की जाती है। सोना कितना खरा है, इसकी जांच के लिए डिपॉजिट गोल्ड को पिघलाकर सिल्लियां बनाई जाती हैं। इसके बाद सोने के वजन के बराबर का डिपॉजिट सर्टिफिकेट इशू किया जाता है।

 गोल्ड डिपॉजिट पर कस्टमर को कितना ब्याज मिलेगा, यह इस पर निर्भर करता है कि रेट ऑफ इंटरेस्ट कितना है और गोल्ड डिपॉजिट की मूल मात्रा कितनी है। गोल्ड डिपॉजिट के आधार पर लोन लिया जा सकता है। लॉक-इन पीरियड के बाद पेनल्टी देकर डिपॉजिट वापस ली जा सकती है। इस डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स नहीं लगता और गोल्ड की वेल्थ टैक्स फ्री होती है।

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