सामान्य ज्ञान
काग (कॉर्क) वृक्षों के तनों में बाह्यत्वचा स्थान पर स्थित मृत कोशिकाओं के बने ऊतकों का मोटा स्तर होता है। इनके कारण सामान्यत: हवा और पानी पेड़ के भीतर नहीं जा सकते। प्राय: सभी वृक्षों में काग पाया जाता है, परंतु कुछ वृक्षों के तनों पर काग प्रचुर मात्रा में बनता है, जैसे त्वक्षा-बंजु (काग-ओक) में। इनमें से समय-समय पर यह व्यापार के लिए निकाला जाता है। यह पौधा फ़ोगेसी कुल का सदस्य है।
त्वक्षा-वंजु के वृक्ष 30 से 40 फुट तक ऊंचे होते हैं। ये दक्षिणी योरोप तथा अफ्रीका के उत्तरी समुद्री तटों के देशज हैं। 15 से 20 वर्षीय वृक्षों से काग निकलने लगता है। जून से अगस्त तक यह कार्य संपन्न होता हे। भूमि से कुछ ऊपर और फिर शाखाओं के कुछ नीचे तने के चारों ओर गड्ढा काट दिया जाता है। इसके बाद काग को इन दोनों कटे भागों के बीच में से लंबी पट्टियों के रूप में निकाल लिया जाता है। काग पूर्णतया कोशिकाओं से बना रहता है। बोतलों पर लगने वाले कॉर्क, कॉर्क ओक पेड़ों से बनते हैं।