सामान्य ज्ञान
कोट डेची की सभ्यता, मोहनजोदड़ो से भी पुरानी सभ्यता मानी गई है। 26 फऱवरी वर्ष 1958 को कोट डेची, सिंध प्रांत के स्थान पर एक प्राचीन सभ्यता के अवशेष बरामद हुए जो मोहनजोदड़ो की सभ्यता से भी लगभग तीन सौ वर्ष पुराने हैं। यह अवशेष 600 फि़ट लंबे और 400 फि़ट चौड़े क्षेत्रफल में फैले हुए हैं।
यह क्षेत्र दो भागों में विभाजित है। एक भाग आवासीय क्षेत्र तथा दूसरा दुर्ग था जो चालीस फि़ट ऊंचा, 500 फि़ट लंबा और 300 फि़ट चौड़ा है। जहां अमीर वर्ग के लोग रहा करते थे जबकि दूसरा भाग आम लोगों के घरों और मकानों के लिए विशेष था। यह घर मिट्टी की ईंटों से बनाए गए थे जिनकी नींव पत्थरों पर रखी गयी थी। कहा जाता है कि मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की सभ्यताएं, जो कोट डेची की सभ्यता के बाद अस्तित्व में आईं, अपने विभिन्न रीतिरिवाजों और विज्ञान और तकनीक में कोट डेची पर निर्भर थीं। इसका प्रमाण यह भी है कि मोहनजोदड़ो में बरामद होने वाले बर्तनों पर वही डिज़ाइनें और बेहतर ढंग से बनी हुई हैं जो कोट डेची के खंडहरों से बरामद होने वाले बर्तनों पर बनी थी। कोट डेची के अवशेषों की खोज, पुरातन जगत की एक महत्वपूर्ण खोज मानी जाती है।