सामान्य ज्ञान
जीन्स डेनिम (कपड़े) के पतलून हैं। मूलत: इन्हें मेहनत वाले काम करने के लिए बनाया गया था पर 1950 के दशक मे ये किशोरों के बीच लोकप्रिय हो गए। ऐतिहासिक ब्रांडों में लीवाइस, जोर्डक़ और रैंगलर शामिल हैं। जीन्स आज एक बहुत ही लोकप्रिय अनौपचारिक परिधान है जिसे दुनिया भर मे कई शैलियों और रंगों मे प्रचलित है। नीले रंग की जींस की पहचान विशेष रूप से अमेरिका की संस्कृति के साथ, विशेष रूप से पुराने वेस्ट (पश्चिम) अमेरिका के साथ जुड़ी है।
जींस के इतिहास पर नजऱ डालें तो हमारे सामने 16 वीं शताब्दी की भारतीय निर्यातित मोटा सूती कपडा़ आता है जिसे डुंगारी कहा जाता था। बाद मे इसे नील के रंग में रंग कर मुंबई के डोंगारी किले के पास बेचा गया था। नाविकों ने इसे अपने अनुकूल पाया और इससे बनी पतलूनें वो पहनने लगे।
जीन्स कपड़े के आविष्कारक तथा निर्माता लैवाई स्ट्रॉस था जिनका 1829 में बैवेरिया में हुआ था और ये प्रशिक्षण से एक दजऱ्ी थे। वर्ष 1850 में ये सैन फ्रैन्सिस्को गए, जहां उनका इरादा तम्बू तथा गाडिय़ों का खोल तैयार करना था। लेकिन बजाय इसके वे बाज़ार में अपने साथ लाये मोटे कैनवास से पैन्ट तैयार करने लगे जो अधेड़ उम्र के लोगों में बहुत ही प्रचलित हुआ। इसके बाद उन्होंने एक कम्पनी खोली तथा पैंट के लिए नीले डेनिम कपड़े का इस्तेमाल शुरू किया जिसे फ्रांस में जीन्स कहा जाता था। आज के जीन्स की शुरुआत तभी से मानी जाती है।