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बोस्निया-हर्जेगोविना का संघर्ष
03-Mar-2022 11:54 AM
बोस्निया-हर्जेगोविना का संघर्ष

3 मार्च सन 1992 ईसवी को बोस्निया-हर्जेगोविना एक जनमत संग्रह के बाद योगोस्लाविया से अलग हो गया। इस जनमत संग्रह में 99 दशमलव 7 प्रतिशत लोगों ने इसे योगोस्लाविया से अलग करने के पक्ष में वोट डाले थे। इस देश का क्षेत्रफल लगभग 51 हज़ार 129 हज़ार वर्ग किलोमीटर है। इसके उत्तर और पश्चिम में क्रोएशिया पूरब में सर्बिया और दक्षिण पूर्व में मोन्टे नेगरो देश स्थित हैं वर्ष 1991 में जारी किये जाने वाले आंकड़ों के अनुसार इस देश की 44 प्रतिशत जनसंख्या मुसलमानों पर आधारित है। और बालकान के इस गणराज्य में यह सबसे बड़ा जातीय समूह है।

बोस्निया-हर्जेगोविना द्वारा अपनी स्वतंत्रता की घोषणा योरोप के इतिहास की एक बड़ी त्रास्दी का आरंभ थी। बोस्निया में रहने वाले सर्बों ने, जिन्होंने जनमत संग्रह का बहिष्कार किया था सर्बिया की सेना के समर्थन से बोस्निया में मुसलमानों के विरुद्ध बड़े ही भयानक और बर्बर आक्रमण आरंभ कर दिए। सर्बों ने मुसलमानों का बड़ी निर्ममता के साथ सामूहिक जनसंहार किया । यह अमानवीय अपराध 43 महीनों तक जारी रहा। जिसमें ढाई लाख मुसलमानों के ख़ून की होली खेली गई और लगभग 15 लाख मुसलमान शरणार्थी हो गए।

रिपोर्ट के अनुसार सर्बों ने मुसलमान महिलाओं यहां तक कि गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों की गरदनें रेत दीं और पेट फाड़ दिए।  इस बीच मानवाधिकारों के संरक्षक होने के बड़े-बड़े दावे करने वाले देश मूक दर्शक बल्कि कुछ तो इन अपराधों के समर्थक बने रहे। अंतत: 1995 के अंत में अंतराष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप से शांति संधि हुई जिससे बोस्निया में युद्ध विराम हुआ।

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