सामान्य ज्ञान
सिकलसेल एनीमिया अनुवांशिक रक्त विकार है जो कि लाल रुधिर कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल्स) को क्षति पहुंचाता है। इसमें तीव्र दर्द भी होता है और संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है , अंगों को नुकसान होता है और कुछ दशा में जल्दी मौत भी हो सकती है ।
सिकलसेल एनीमिया के मरीजों की लाल रक्त कोशिकाओं का आकार हंसिया नुमा हो जाता है और इनका हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन के प्रति अत्यंत संवेदनशील हो जाता है। ऐसी कोशिकाएं अक्सर टूट कर रक्त वाहिनियों में एकत्र हो सकती हैं या फेफड़े में फंस कर जानलेवा स्थिति उत्पन्न कर सकती हैं। अगर माता-पिता दोनों को सिकलसेल एनीमिया की बीमारी है तो संतान इस बीमारी से पीडि़त होगी। अगर दोनों में से एक को यह समस्या है तो संतान में इस बीमारी के होने की आशंका 50 फीसदी होती है। डीएनए की संरचना में होने वाले स्थायी बदलाव के फलस्वरूप हुआ जीन म्यूटेशन अनुवांशिकी आधारित बीमारी सिकलसेल का मुख्य कारण है और कुछ पीढिय़ों में इसके लक्षण दबे रहने के बाद अचानक उभर सकते हैं।