सामान्य ज्ञान

ब्राउन क्लॉउड
13-Mar-2022 11:42 AM
 ब्राउन क्लॉउड

ब्राउन क्लॉउड या भूरे बादल। कुछ नम स्थितियों में, यह कुहरा बनाता है। ब्राउन क्लॉउड   = धुआं + कुहरा + नमी + धूल कण से बनता है। यह दहन (जैसे लकड़ी को जलाने, कारों और कारखानों आदि), बायोमास के जलने और अधूरे दहन के साथ औद्योगिक प्रक्रियाओं से हवा में मिले अणुओं और प्रदूषकों से बनता है। ये बादल शीतकालीन मानसून (नवंबर / दिसंबर से अप्रैल) से जुड़ा हुआ है, इस दौरान हवा से प्रदूषकों को धोने के लिए बरसात भी नहीं होती।

वैज्ञानिकों के अनुसार ग्लेशियरों के इस कदर तेज़ी से पिघलने की वजह ग्लोबल वार्मिंग के साथ-साथ  ब्राउन क्लाउड  है। दरअसल, ब्राउन क्लाउड प्रदूषण युक्त वाष्प की मोटी परत होती है और ये परत तीन किलोमीटर तक मोटी हो सकती है। इस परत का वातावरण पर विपरीत असर होता है और ये जलवायु परिवर्तन में अहम भूमिका निभाती है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम यानी यूएनईपी की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की तलहटी में भी काले धूल के कण हैं और इनका घनत्व प्रदूषण वाले शहरों की तरह है।

चीन और भारत पर भूरे बादलों का प्रभाव कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है। संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण शाखा के लिए की गई एक शोध से साबित होता है कि एशियाई शहर खतरनाक भूरे बादलों की चपेट में आते जा रहे हैं। एनवायरमेंट न्यूज नेटवर्क की इस शोध से पता चला है कि अधिकतर एशियाई शहरों में सूरज की 25 प्रतिशत किरणें धरती तक पहुंच ही नहीं पाती है, क्योंकि प्रदूषण की वजह से बने भूरे बादल उन्हें आकाश में ही रोक लेते हैं। ये बादल कभी-कभी तो 3 किलोमीटर गहरे होते हैं। इससे सबसे अधिक प्रभावित शहर चीन का ग्वानजाउ है, जो 1970 से ही धुएं के बादलों से घिरा हुआ है।

इसके अलावा जिन शहरों पर सबसे अधिक खतरा है, वे हैं बैंकाक, बीजिंग, ढाका, कराची, कोलकाता, मुम्बई, दिल्ली, सिओल, शंघाई, शेनजाउ और तेहरान। 

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