सामान्य ज्ञान
भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सद्भावना जम्मू कश्मीर के ग्रामीण क्षेत्रों में 1998 में शुरू किया गया था, जहां आतंकवादियों और राष्ट्र विरोधी तत्वों ने सरकारी सम्पति और सार्वजनिक परिसंपत्तियों जैसे स्कूल, पुल, बिजली की आपूर्ति व्यवस्था को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाकर दहशत फैला रखी थी और इस कारण स्थानीय लोगों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
राज्य में आम लोगों को राष्ट्रीय तानेबाने से अलग करने का घातक प्रयास भी चल रहा था। समय की जरूरत ना केवल आतंकवादियों से लोगों को वापस मुख्य धारा में लाना था बल्कि प्रभावित लोगों को पुन: एकीकृत करना भी था। इस परिदृश्य में भारतीय सेना को सरकार की एक संस्था के रूप में देखा जा रहा था जो लोगों को राहत पहुंचा सकती थी। ऑपरेशन सद्भावना के अधीन थल सेना ने कई कल्याणकारी और विकास परियोजनाएं अपने हाथ में ली। पिछले 14 वर्षों में 450 करोड़ रूपये से अधिक राशि खर्च करके थल सेना आम लोगों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने और उनके दिलों दिमाग को जीतने में सफल रही है। ऑपरेशन सद्भावना का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, महिलाएं और युवा सशक्तिकरण, अवसंरचना विकास और स्वास्थ्य एवं पशुपालन देखरेख रहा है। जम्मू कश्मीर से बाहर शिक्षा और अभिप्ररेणा संबंधी टूर शुरू किये गये ताकि छात्रों, युवाओं और आम राय तैयार करने वालों को भारत की समृद्ध विरासत और प्रगति का दिग्दर्शन कराया जा सके। इसके अलावा, स्थानीय लोगों को लेकर भागीदारी मॉडल पर आधारित परियोजनाओं को तैयार करते समय दूरदराज के क्षेत्रों में जल आपूर्ति योजनाओं, विद्युतीकरण और पशुपालन जैसी बुनियादी आवश्यकता का भी ध्यान रखना है।