सामान्य ज्ञान

सिराज औरंगाबादी
06-Apr-2022 9:30 AM
सिराज औरंगाबादी

सिराज औरंगाबादी ऊर्दू भाषा के विख्यात शायर थे। 1715 ईसवी में दकन में उनका जन्म हुआ था। सिराज, वली दकनी के समकालिक थे और ऊर्दू भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार के बाद उनका ही नाम आता है।

बारह वर्ष की आयु में उन्होंने घर बार छोड़ दिया और सात वर्षों तक नंगे रहे। संसार से विरक्ततता उनकी शायरी में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। यह भी कहा जाता है कि वली दकनी से मीर और सौदा तक के काल में सिराज जैसा कोई बड़ा शायर नहीं गुजऱा है। सिराज गज़़ल के अतिरिक्त मसनवी भी कहते थे। उनकी मसनवी बूस्ताने खय़ाल क्लासिकल ऊर्दू शायरी का अनमोल नमूना है। सिराज का ऊर्दू पद्य संकलन प्रकाशित हो चुका है। सिराज फ़ारसी भाषा में भी शेर कहते थे। फ़ारसी में इन्तेख़ाबे दीवानहा उनकी प्रसिद्ध पुस्तक है। 6 अप्रैल 1764 को  निधन हुआ

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