सामान्य ज्ञान
हेनरी फोर्ड (30 जुलाई, 1863 - 7 अप्रैल, 1947) अमेरिका में फोर्ड मोटर कम्पनी के संस्थापक थे। वे आधुनिक युग की भारी मात्रा में उत्पादन के लिए प्रयुक्त असेम्ब्ली लाइन के जनक थे। उन्होंने मॉडल टी नामक गाड़ी निकाली जिसने यातायात एवं अमेरिकी उद्योग में क्रांति ला दी। वे महान आविष्कारक भी थे। उन्हें अमेरिका के 161 पेटेन्ट प्राप्त हुए थे।
फोर्ड कम्पनी के मालिक के रूप में वे संसार के सबसे धनी एवं विख्यात व्यक्तियों में से थे। उन्होंने अपनी अधिकांश सम्पत्ति फोर्ड फाउन्डेशन के नाम कर दिया और ऐसी व्यवस्था बना दी कि वह स्थायी रूप से उनके ही परिवार के नियंत्रण में बनी रहे। 16 वर्ष की उम्र में ये घर छोडक़र डिट्रॉइट चले गए। यहां कई कारखानों में काम करके उन्होंने यांत्रिक विद्या का ज्ञान प्राप्त किया। सन् 1886 में ये घर वापस आए, पिता की दी हुई 80 एकड़ भूमि पर बस गए और वहीं मशीन मरम्मत करने का एक कारखाना खोला।
सन् 1890 में उन्होंने डिट्रॉइट एडिसन इलेक्ट्रिक कंपनी में काम करना आरंभ किया और सन् 1893 में पेट्रोल से चलने वाली पहली गाड़ी बनाई, जिसमें चार हॉर्सपॉवर तक ऊर्जा उत्पन्न होती थी और जिसकी गति 25 मील प्रति घंटा थी। सन् 1893 में हेनरी फोर्ड ने दूसरी गाड़ी बनानी प्रारंभ की तथा सन् 1899 में इलेक्ट्रिक कंपनी की नौकरी छोडक़र डिट्रॉइट ऑटोमोबाइल कंपनी की स्थापना की। फिर इस कंपनी को छोडक़र ये दौड़ में भाग लेने वाली गाडिय़ां बनाने लगे जो काफी लोकप्रिय हुई और इसतरह से हेनरी सन् 1903 में फोर्ड मोटर कंपनी स्थापित करने में सफल हुए।
उन्होंने डीयरबॉर्न में एक औद्योगिक संग्रहालय तथा एडिसन इंस्टिट्यूट ऑव टेक्नॉलोजी की स्थापना की। मृत्यु के पूर्व हेनरी ने अपनी संपत्ति का अधिकांश अपने नाम पर स्थापित जनहितैषी संस्था को दे दिया। यह संस्था संसार की लोकोपकारक संस्थाओं में सबसे धनी है। अपनी मृत्यु से दो वर्ष पूर्व ही हेनरी ने अपने पोते, हेनरी फोर्ड द्वितीय को कंपनी का अध्यक्ष बना दिया था।