सामान्य ज्ञान
26 अप्रैल वर्ष 1630 को विश्व क्षेत्र का पहला समाचार पत्र जर्मनी से प्रकाशित हुआ। लोज़ नामक इस समाचार पत्र ने विश्व में एक ऐसे उद्योग और पेशे को अस्तित्व प्रदान किया जो इस समय राजनैतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक का एक महत्वपूर्ण भाग समझा जाता है। उल्लेखनीय है कि इस वर्तमान समय में लोज़ समाचार पत्र के कुछ नमूने विश्व के बड़े संग्राहलयों में मौजूद हैं।
वहीं भारत में पहली बार 30 मई, 1826 को हिन्दी का प्रथम पत्र ‘उदंत मार्तंड’ का पहला अंक प्रकाशित हुआ। यह पत्र साप्ताहिक था। ‘उदंत-मार्तंड की शुरुआत ने भाषायी स्तर पर लोगों को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया। यह केवल एक पत्र नहीं था, बल्कि उन हजारों लोगों की जुबान था, जो अब तक खामोश और भयभीत थे। इस पत्र के संपादक जुगल किशोर को सहायता के अभाव में 11 दिसंबर, 1827 को पत्र बंद करना पड़ा। 10 मई, 1829 को बंगाल से हिन्दी अखबार बंगदूत का प्रकाशन हुआ। यह पत्र भी लोगों की आवाज बना और उन्हें जोड़े रखने का माध्यम। इसके बाद जुलाई, 1854 में श्यामसुंदर सेन ने कलकत्ता से ‘समाचार सुधा वर्षण’ का प्रकाशन किया। उस दौरान जिन भी अखबारों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कोई भी खबर या आलेख छपा, उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ी। अखबारों को प्रतिबंधित कर दिया जाता था। उसकी प्रतियां जलवाई जाती थीं, उसके प्रकाशकों, संपादकों, लेखकों को दंड दिया जाता था। उन पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाता था, ताकि वो दुबारा फिर उठने की हिम्मत न जुटा पाएं।