सामान्य ज्ञान
दुनिया में रेडक्रॉस दिवस 8 मई को मनाया जाता है। स्विटजरलैंड का युवा व्यवसायी हैनरी डुनांड ‘रेडक्रॉस’ गतिविधि का जनक था। फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया युद्ध के दौरान इटली में वर्ष 1859 में सौलफिरेनो की युद्ध भूमि में घायल सैनिकों की दुर्दशा देखकर वह बड़े भयभीत हो गए थे।
उन्होंने तुरंत स्थानीय समुदाय की सहायता से मदद कार्य शुरू किए। युद्ध की विभीषिका के बाद उनके विचारों पर जो प्रभाव पड़ा, उसका वृतांत फ्रेंच भाषा में लिखी 1962 में प्रकाशित पुस्तक ‘ए सूवेनिअर ऑफ सौलफिरेनो’ में दिखाई देता है जो युद्ध की अमानवीयता के विरूद्ध भावुक अपील बन गई। यह आज भी अब तक लिखी गई युद्ध की सर्वाधिक सजीव और मर्मस्पर्शी पुस्तकों में से एक है। इस पुस्तक के जारी होने के एक वर्ष के बाद हैनरी डुनांड के सुझावों पर विचार करने के लिए जिनेवा में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस प्रकार रेडक्रॉस आंदोलन का जन्म हुआ। अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस आंदोलन जिनेवा सम्मेलन अधिनियम 1864 के द्वारा स्थापित किया गया था। रेडक्रॉस की स्थापना करने वाले देश को सम्मान देने के लिए इस आंदोलन के नाम और प्रतीक को स्विटजरलैंड के राष्ट्रीय ध्वज के उत्क्रमण से लिया गया है।
प्रथम विश्व युद्ध 1914 के दौरान प्रभावित सैनिकों की देखभाल के लिए सेंट जॉन्स एम्बुलेंस एसोसिएशन और ब्रिटिश रेडक्रॉस की एक संयुक्त समिति के अलावा और कोई संस्था नहीं थी। ब्रिटिश रेडक्रॉस सोसाइटी से स्वतंत्र भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी की स्थापना के लिए 17 मार्च, 1920 को एक विधेयक लाया गया और यह 1920 में कानून बना। 7 जून, 1920 को भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी के गठन के लिए औपचारिक रूप से 50 सदस्यों को मनोनीत किया गया और इन्हीं में से पहली प्रबंध निकाय चुनी गई। तमिलनाडु शाखा की राष्ट्रीय रेडक्रॉस और रेड क्रेसेंट सोसायटी, रेडक्रॉस एवं रेड क्रेसेंट मूवमेंट संघ, अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस एवं रेडक्रेसेंट समिति से राष्ट्रीय मुख्यालय और व्यक्तिगत स्तर पर अपनी गतिविधियों के सहयोग के लिए साझेदारी है।