सामान्य ज्ञान
केट्टुवल्लम, एक प्रकार की नौका है, जिसका उपयोग केरल में किया जाता है। आज नदियों में हाउसबोट नजर आते हैं, जो पुराने दिनों के केट्टुवल्लम नौकाओं के सुधरे रूप होते हैं। मूल केट्टुवल्लम का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में चावल और मसाले की ढुलाई के लिए किया जाता था। एक मानक केट्टुवल्लम, 30 टन चावल कुट्टन्नाडू से कोची बंदरगाह तक पहुंचा सकते हैं। आज भी केरल में केट्टुवल्लम देखे जा सकते हैं।
केट्टुवल्लम की बंधाई के लिए नारियल की गांठों का प्रयोग किया जाता है। इसतरह की नौकाओं के निर्माण में एक भी कील का इस्तेमाल नहीं होता। इनका निर्माण जैकवुड के तख्तों से किया जाता है जिन्हें नारियल की जटाओं से बांधा जाता है। इसके बाद इसपर उबली हुई काजू की गरियों से तैयार किए गए काले रंग के क्षारक राल की परत चढ़ाई जाती है। सावधानी से रखरखाव किए जाने पर केट्टुवल्लम कई पीढिय़ों तक काम में आते हैं।
केट्टुवल्लम का एक हिस्सा बांस और नारियल की जटाओं से निर्मित संरचना से ढंका हुआ रहता है जहां नाविक आराम करते हैं और यही स्थान रसोईघर का भी काम करता है। खाना नाव पर तैयार किया जाता है और पकाने के लिए मछलियां बैकवाटर से मिल जाती हैं। जब आधुनिक ट्रकों ने इस व्यवस्था का स्थान लिया तो 100 साल से भी पुरानी इन नौकाओं को बाजार में बनाए रखने की एक युक्ति सोची गई। पर्यटकों के लिए इनपर खास तरह के कमरों का निर्माण कर लुप्त होने के कगार पर पहुंच गए इन नौकाओं को जलविहार के लिए नए रूप में ढाला गया और आज ये अपने इसी रूप में अत्यंत लोकप्रिय हैं।