सामान्य ज्ञान

राइनो
11-Jun-2022 11:38 AM
राइनो

राइनो गैंडे की एक प्रजाति है। यह भारत में मुख्य रूप से असम में पाई जाती है। इसकी सींग के कारण इसका शिकार किए जाने की घटनाएं आए दिनों सामने आ रही हैं।  वर्ष 2013 में असम में करीब 41 राइनो का अवैध शिकार किया गया औऱ उनकी सींग निकाल ली गई जबकि  2014 की पहली छैमाही में ही 16 राइनो की हत्या की जा चुकी थी।

 राइनो के अवैध शिकार का मुख्य कारण  उसके सींग का विभिन्न कामों यथा औषधि बनाने, में उपयोग किया जाना है। राइनो के सींगों की मांग सबसे ज्यादा चीन और वियतनाम में है। इसकी वजह से राइनो संरक्षण के प्रयासों में इनका अवैध शिकार प्रमुख चुनौती बनता जा रहा है।

 अनुमान के मुताबिक असम में 2553 राइनो है जिनमें से काजीरंगा नेशनल पार्क में 2 हजार 329, राजीव गांधी ओरांग नेशनल पार्क में 100, पोबित्रा वन्यजीव अभयारण्य में 93 और मानस नेशनल पार्क में 31 राइनों की गणना हुई है।

 राइनो के अवैध शिकार को रोकने के लिए असम में राइनो डीएनए इन्डेक्सिंग सिस्टम -रोडिस को विकसित किया गया है।  रोडिस एक प्रकार का उपकरण है जिसमें एक डेटाबेस में हर एक राइनो का डीएनए प्रोफाइल बना होता है। यह डेटाबेस अभयारण्य़ के अधिकारी और सरकार राज्य में होने वाले राइनो के अवैध शिकार के मामले में कानूनी सबूत के तौर पर पेश कर सकते हैं।

रोडिस का इस्तेमाल अवैध शिकार करने वालों को दंड दिलाने में कानूनी सबूत के तौर पर इसलिए पेश किया जा सकता है क्योंकि अधिकांश मामलों में वे सबूतों के अभाव में बिना सजा पाए छूट जाते हैं। असम राज्य सरकार निकट भविष्य में रोडिस को राज्य में शुरु करने की योजना बना रही है। सूदूर, अवैध शिकार किए गए और प्राकृतिक रूप से मरने वाले राइनो के डीएनए का डेटाबेस तैयार करने के लिए राज्य रोडिस को वल्र्ड वाइड फंड फॉर नेचर  इंडिया के साथ मिलकर शुरु करेगा। राइनो डीएनए इंडेक्सिंग सिस्टम को राइनो के अवैध शिकार की जांच और संदिग्धों पर मुकदमा चलाने के लिए दक्षिण अफ्रीका में विकसित किया गया है।

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