सामान्य ज्ञान
फीफा विश्व कप फुटबॉल में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी को गोल्डन बूट प्रदान किया जाता है।
1. वर्ष 1950 में फ़ुटबॉल विश्व कप ब्राज़ील में ही हुआ था और अदिमीर ने उस साल 8 गोल मार कर गोल्डन बूट का खिताब अपने नाम कर लिया था, लेकिन अदिमीर को मिले इस खिताब का जश्न फीका ही रहा क्योंकि ब्राज़ील उस साल फ़ाइनल मुक़ाबले में उरूग्वे से हार गया था।
2. सन 1958 में स्वीडन में हुए विश्व कप में गोल्डन बूट का ख़िताब मिला था फ्रांस के करिश्माई फ़ुटबॉलर जस्ट फ़ांटेन को। उन्होंने विश्व कप में फ्रांस के खेले 6 मैचों में 13 गोल दागें थे। उस साल दूसरे स्थान पर रहे महान फ़ुटबॉलर पेले सिफऱ् 6 ही गोल कर पाए थे।
3. 1966 में पुर्तगाल के फ़ुटबॉलर एयोसिबियो को इंग्लैंड में आयोजित हुए विश्व क़प में सर्वाधिक 9 गोल के लिए गोल्डन बूट से नवाज़ा गया था।
4. जर्मनी के फ़ुटबॉल के महारथी गर्ड मुलर को 1966 में सिल्वर बूट से ही संतोष करना पड़ा था लेकिन ठीक 4 साल बाद मैक्सिको में हुए विश्व कप में गर्ड मुलर ने 10 गोल दाग़ कर गोल्डन बूट अपने नाम कर लिया।
5. 1974 में पश्चिमी जर्मनी में हुए विश्व कप में यू तो पोलैंड के ग्रेजग़ोरेज़ लातो ने सिफऱ् 7 गोल ही किए थे लेकिन फिर भी उन्हें गोल्डन बूट मिला।
6. अर्जेंटीना के महानतम खिलाडिय़ों में से एक रहे मारियो केम्पस ने 1978 में अर्जेंटीना में हुए विश्व कप में गोल्डन बूट अपने नाम किया। मारियो के अदभुत खेल की बदौलत उस साल का विश्व कप भी अर्जेंटीना ने ही जीता था।
7. इटली के लंबे कद के खिलाड़ी पाअलो रोसी ने 1982 में स्पेन में हुए विश्व क़प मुक़ाबलों में सर्वाधिक 6 गोल किए और गोल्डन बूट जीता।
8. विश्व फ़ुटबॉल के महानतम खिलाड़ी इंग्लैड के गैरी लिनेकर ने 1986 में मैक्सिको में हुए विश्व कप में गोल्डन बूट हासिल किया था।
9. इटली के खिलाड़ी साल्वातोर को 1990 में इटली में हुए विश्व कप में गोल्डन बूट हासिल हुआ था।
10. वर्ष 2002 में गोल्डन बूट मिला ब्राज़ील के सुपरस्टार खिलाड़ी रोनाल्डो को। दक्षिण कोरिया और जापान में संयुक्त रूप से हुए विश्व कप में रोनाल्डो ने 8 गोल किए और ब्राज़ील की टीम को विश्व कप जिताने में उन्होने बड़ी भूमिका निभाई।
11. वर्ष 2002 में सिल्वर बूट संतोष करने वाले मिरोस्लाव क्लोज़ा को गोल्डन बूट के लिए ज्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा। वर्ष 2006 में जर्मनी में हुए विश्व कप में उन्हें ये खिताब मिला लेकिन उनकी टीम को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
12. साल 2010 में दक्षिण अफ्र्रीका में भी गोल्डन बूट जर्मनी के खिलाड़ी टॉमस मुलर के नाम रहा। टॉमस ने 5 गोल किए लेकिन इस साल भी जर्मनी को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।