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फीफा वर्ल्ड कप फुटबॉल
19-Jun-2022 8:12 AM
फीफा वर्ल्ड कप फुटबॉल

 वर्ल्ड कप फुटबॉल  यानी फीफा विश्व कप खेल की दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में से एक है। इस वर्ष इसका आयोजन 12 जून से ब्राजील में शुरू हो चुका है।

 फैडरेशन इंटरनैशनल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) का गठन 1904 में पैरिस (फ्रांस) में हुआ था। 1920 के दशक में फीफा के अध्यक्ष जूल्स रिमे और फ्रांस के फुटबाल प्रशासकों ने दुनिया की बेहतरीन फुटबॉल टीम तय करने के लिए प्रतियोगिता कराने का विचार किया। 1929 में फीफा ने एक प्रस्ताव पारित करके विश्व कप फुटबॉल आयोजित कराने का फैसला किया। 1930 में शुरू हुई यह प्रतियोगिता हर चार साल बाद आयोजित होती है। दूसरे विश्व युद्ध के कारण 1942 और 1946 में विश्व कप फुटबाल का आयोजन नहीं हुआ था। विश्व कप फुटबॉल तो चार साल के अंतराल पर होता है लेकिन इस बीच क्वालीफाइंग राऊंड चलते रहते हैं। 1998 के विश्व कप से इस प्रतियोगिता में 32 टीमें शामिल होने लगी हैं। दुनिया की बेहतरीन फुटबॉल टीम मानी जाने वाली ब्राजील की टीम ने अब तक सबसे ज्यादा पांच बार विश्व कप का खिताब जीता है। इटली ने चार और जर्मनी ने तीन बार खिताब पर कब्जा किया है। 1930 से हुई विश्व कप प्रतियोगिताओं की विजेता सिर्फ सात टीमें ही बन पाई हैं। फिर भी विश्व कप ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। 1950 में अमरीका ने इंगलैंड को हरा दिया था जबकि 1966 में इटली को उत्तर कोरिया के हाथों पिटना पड़ा था।

 1980 के दशक में कैमरून का उद्भव और 1990 में अपने खिताब की रक्षा करने अर्जेंटीना की टीम का अपने पहले ही मैच में हार जाना, ऐसी कई उठापटक की घटनाएं विश्व कप के इतिहास ने अपने आप में समेटी हुई हैं। 1930 में जब पहला विश्व कप आयोजित करने का फैसला हुआ, तब उरुग्वे को विश्व कप की मेजबानी का मौका मिला। उरुग्वे की टीम उस समय ओलिम्पिक चैम्पियन थी। यह पहला विश्व कप था, जिसमें देशों को बिना क्वालीफाइंग राऊंड खेले ही शामिल होने का न्यौता मिला लेकिन कई देशों ने आने-जाने में आने वाले भारी-भरकम खर्च को देखते हुए अपने को इस प्रतियोगिता से दूर रखा। फिर भी इस प्रतियोगिता में 13 देशों ने हिस्सा लिया लेकिन यूरोप के सिर्फ चार देश ही प्रतियोगिता में खेलने आए। ये देश थे-फ्रांस, बैल्जियम, यूगोस्लाविया और रोमानिया। अर्जेंटीना को फाइनल में 4-2 से हरा कर पहला विश्व कप उरुग्वे ने जीता था।

 विश्व कप फुटबॉल में जहां एक ओर 32 टीमों में से हरेक टीम सुनहरे कप को जीतने का ख्वाब संजोती है, वहीं दूसरी तरफ हर खिलाड़ी का लक्ष्य प्रतिष्ठित ‘गोल्डन बूट’ का सम्मान पाने का होता है जो उस खिलाड़ी को नसीब होता है, जो पूरे टूर्नामैंट में सबसे अधिक गोल दागता है। ‘गोल्डन बूट’ की शुरूआत 1930 में विश्व कप के आगाज के साथ ही हुई थी। वर्ष 1982 में खेल का सामान बनाने वाली प्रमुख कम्पनी एडीडास  कम्पनी के इस पुरस्कार के साथ जुडऩे के साथ ही इसका नाम ‘एडीडास गोल्डन बूट’ हो गया। विश्व कप टूर्नामैंट के इतिहास में तीन बार ऐसा भी हुआ, जब अधिकतम गोल करने वाले खिलाडिय़ों की संख्या एक से अधिक रहने पर सभी को संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया। बैस्ट प्लेयर को गोल्डन बॉल तथा श्रेष्ठ गोलकीपर को गोल्डन ग्लूव सम्मान मिलता है।

 2014 के वल्र्ड कप टूर्नामैंट के  लिए 576 मिलियन अमेरिकी डालर प्राइज मनी (पुरस्कार प्रोत्साहन राशि) के तौर पर रखे गए हैं। विभिन्न स्तरों पर हर टीम को एक निर्धारित राशि मिलती है। चैम्पियन टीम के लिए प्राइज मनी 35 मिलियन डालर है।

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