सामान्य ज्ञान
नई दिल्ली का शिल्प संग्रहालय, जिसका औपचारिक नाम राष्ट्रीय हस्तशिल्प एवं हथकरघा संग्रहालय है, पुराना किला के सामने भैरों मार्ग पर प्रगति मैदान परिसर में स्थित है। यह दिल्ली के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यह संग्रहालय लगभग 8 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। 21 दिसम्बर, 1991 को भारत के राष्ट्रपति रामस्वामी वेंकटरमण ने विधिवत इसका उद्घाटन किया था। ।
इस संग्रहालय में भारत की सतत् एवं जीवंत हस्तशिल्प एवं हथकरघा परम्पराओ को प्रदर्शित किया गया है। देश के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलक यहां देखी जा सकती है। इस जगह देश के विभिन्न भागों से आए शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। इस संग्रहालय में देश भर से एकत्रित किए गए दुर्लभ कलाकृतियों और हस्त शिल्प एवं हथकरघा का विस्तृत संग्रह है। यहां पंाच स्थाई प्रदर्शनी दीर्घाएं और एक विशेष दीर्घा हैं। इस में जो एक विशेष दीर्घा है उस में समय समय पर कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते है। इस समय विशेष दीर्घा के अन्दर शिल्प व्याख्या प्रदर्शनी का कार्यक्रम चल रहा है ।
शिल्प संग्रहालय में आदिवासी और ग्रामीण शिल्प, वस्त्रों, मृण-शिल्प, लौह शिल्प आदि से संबंधित कुल 7 दीर्घाएं हैं। इनमें से पांच स्थाई प्रदर्शनी दीर्घाएं हैं और दो विशेष प्रदर्शनी दीर्घाएं हैं। इन दीर्घाओं के नाम हैं-भूता वीथी, लोक एवं आदिवासी कला वीथी, आनुष्ठानिक वीथी, वैभवशाली वीथी और वस्त्र विथी।