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दक्षिण एशिया का डेट्रॉएट- चेन्नई
22-Aug-2022 11:56 AM
दक्षिण एशिया का डेट्रॉएट- चेन्नई

चेन्नई, पूर्व नाम मद्रास, भारत में बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित तमिलनाडु की राजधानी, भारत का पांचवां बड़ा नगर तथा तीसरा सबसे बड़ा बन्दरगाह है।  यह शहर अपनी संस्कृति एवं परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटिश लोगों ने 17वीं शताब्दी में एक छोटी-सी बस्ती मद्रासपट्ट्नम का विस्तार करके इस शहर का निर्माण किया था। उन्होंने इसे एक प्रधान शहर एवं नौसैनिक अड्डे के रूप में विकसित किया। बीसवीं शताब्दी तक यह मद्रास प्रेसिडेंसी की राजधानी एवं एक प्रमुख प्रशासनिक केन्द्र बन चुका था।

चेन्नई में ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी, हार्डवेयर उत्पादन और स्वास्थ्य सम्बंधी उद्योग हैं। यह नगर सॉफ्टवेयर, सूचना प्रौद्योगिकी सम्बंधी उत्पादों में भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक शहर है। चेन्नई एवं इसके उपनगरीय क्षेत्र में ऑटोमोबाइल उद्योग विकसित है। चेन्नई मंडल तमिलनाडु के जीडीपी का 39 प्रतिशत का और देश के ऑटोमोटिव निर्यात में 60 प्रतिशत का भागीदार है। इसी कारण इसे दक्षिण एशिया का डेट्रॉएट भी कहा जाता है।

चेन्नई में रंगशाला संस्कृति भी अच्छे स्तर पर है और यह भरतनाट्यम का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। यहां का तमिल चलचित्र उद्योग, जिसे कॉलीवुड भी कहते हैं, भारत का द्वितीय सबसे बड़ा फिल्म उद्योग केन्द्र है।

दक्षिण भारत के शहर मद्रास से ही ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपने विस्तार की नींव रखी थी।

ईस्ट इंडिया कंपनी के आने से पहले मद्रास महत्वपूर्ण राजवंशों पल्लव, चोल, पांड्य और विजयनगर की प्रशासनिक, सैनिक और आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र हुआ करता था। 22 अगस्त 1639 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने विजयनगर के राजा पेडा वेंकट राय से कोरोमंडल तट चंद्रगिरी में कुछ जमीन खरीदी। वेंकट राय ने अंग्रेजी व्यापारियों को यहां एक फैक्ट्री और गोदाम बनाने की अनुमति दी थी। एक साल बाद ब्रिटिश व्यापारियों ने यहां सेंट जॉर्ज किला बनवाया जो औपनिवेशिक गतिविधियों का गढ़ बना।

1746 में मद्रास और सेंट जॉर्ज के किले पर फ्रांसीसी फौजों ने अपना कब्जा जमा लिया जिसे बाद में ब्रितानी कंपनी ने 1749 में एक्स ला शापेल सन्धि के तहत हासिल कर लिया। अगले तीस सालों में ब्रिटिशों को और भी हमलों से जूझना पड़ा जिसमें मैसूर के राजा हैदर अली से भी अपने इलाके को बचाना शामिल था। अठारहवीं सदी के अंत तक ब्रिटिशों ने सेंट जॉर्ज और आसपास के इलाके का विस्तार कर लगभग पूरे आधुनिक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक को अपने अधीन कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने मद्रास प्रेसिडेंसी की स्थापना की और मद्रास को यहां की राजधानी घोषित किया। भारत में ब्रिटिशकाल के दौरान मद्रास एक आधुनिक शहर और महत्वपूर्ण बंदरगाह के रूप में विकसित हुआ।

मद्रास का आधुनिक नाम चेन्नई यहां के एक प्रमुख गांव चेन्नापट्टनम पर आधारित है। माना जाता है कि सेंट जॉर्ज किला मद्रासपट्टनम के पास होने के कारण अग्रेजों ने इसे मद्रास नाम दिया था। वर्ष 1996 में राज्य सरकार ने मद्रास का नाम बदल कर चेन्नई कर दिया।

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