सामान्य ज्ञान
मच्छर एक हानिकारक कीट है। यह संसार के प्राय सभी भागों में पाया जाता है। यह विभिन्न प्रकार के रोगों के जीवाणुओं को वहन करता है। मच्छर गड्ढ़े, तालाबों, नहरों तथा स्थिर जल के जलाशयों के निकट अंधेरी और नम जगहों पर रहता है। मच्छर एकलिंगी जन्तु हैं यानी नर और मादा मच्छर का शरीर अलग-अलग होते हैं। सिर्फ मादा मच्छर ही मनुष्य या अन्य जन्तुओं के रक्त चूसती है, जबकि नर मच्छर पेड़-पौधों का रस चूसते हैं।
मलेरिया सहित कई बीमारियों का कारण बनने वाले मच्छर की मनुष्य से पुरानी शत्रुता है। अभी हाल ही में एशिया के कई देशों में डेंगू बुख़ार भय का प्रतीक बन गया। मच्छर देखने में जितना छोटा है पर उतना ही ख़तरनाक होता है। दुनिया का कोई भी देश या क्षेत्र नहीं है जहां पर हवा में भिनभिनाता नन्हा जीव अपने मौजूद होने का आभास न दिलाता हो। एक शोध के अनुसार पूरी दुनिया में 30 हज़ार से अधिक प्रकार के मच्छर पाए जाते हैं और कई प्रकार के मच्छर मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होते किन्तु दो से तीन प्रकार के मच्छर मनुष्य के लिए समस्या बने हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मच्छर से घबराने के बजाए सावधानी बरत कर इससे फैलने वाली बीमारी से बचा जा सकता है।
देखने अथवा सूंघने की शक्ति न होने के बाद भी मच्छर किसी स्थान पर मानव की उपस्थिति का पता कैसे लगा लेते हैं, यह प्रश्न अभी तक रहस्य बना हुआ था। वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब काफी समय से तलाश कर रहे थे।
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने मच्छरों के उन जीन्स का पता लगा लिया है जो मानव रक्त के प्यासे मच्छरों को मानव गंध के जरिए अपने शिकार तक पहुंचाते हैं। नैशविले स्थित वैंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के कुछ शोधकर्ताओं ने मलेरिया फैलाने वाले एनाफिलिस मच्छरों के कुल में पाए जाने वाले चार ऐसे जींस की पहचान की है जो इन मच्छरों को मानव की उपस्थिति का अहसास कराते हैं। इन जीन्स का पता चलने के बाद अब वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे मच्छरों को वाकई में दूर भगाने वाले उत्पाद बना सकेंगे।