सामान्य ज्ञान

डायोप्साईड उपरत्न
25-Aug-2022 1:39 PM
 डायोप्साईड उपरत्न

डायोप्साईड  उपरत्न पायरोक्सीन समूह का मैग्नेशियम, सिलिकेट खनिज है। यह उपरत्न  क्रोमियम युक्त विभिन्न श्रेणियों में पाया जाता है और चमकीले रंग में उपलब्ध यह उपरत्न क्रोम डायोप्साईड कहलाता है।  यह उपरत्न दूसरे उपरत्नों की अपेक्षा बहुत ही नरम पदार्थ है।  यह उपरत्न  पारदर्शी तथा पारभासी दोनों ही प्रकार से पाया जाता है।  यह कांच जैसा अथवा देखने में चिकनाईयुक्त होता है।  इसमें दोहरा अपवर्तन होता है।  अच्छी गुणवत्ता वाले खनिज को उपरत्न के रुप में उपयोग में लाया जाता है।  इसे ध्यानपूर्वक तथा बुद्धिमत्ता से तराशने पर यह बहुत ही आकर्षक रत्न बन जाता है।  तब यह दिखने में तुरमलीन उपरत्न जैसा दिखाई देता है।  यह उपरत्न वायुतत्व है।

क्रोम डायोप्साईड हरे रंग में एक सुंदर और सस्ता उपरत्न है। हरे रंग में पाए जाने वाले सभी उपरत्नों में यह उपरत्न सबसे कम कीमत में पाया जाता है, लेकिन क्रोम डायोप्साईद में कुछ खामियां भी हैं, जैसे यह सामान्यतया छोटे आकार में ही पाया जाता है। बड़े आकार में पाना बहुत ही दुर्लभ बात है।  हरे रंग में यह उपरत्न इतने अधिक गहरे रंग में मिलता है कि कई बार यह देखने में कालपन लिए हुए लगता है जबकि वास्तविकता में यह गहरा हरा होता है।  इसलिए चमकीले हरे रंग के लिए क्रोम डायोप्साईड ही सबसे उपयुक्त है।  यह नरम भी होता है।  इसलिए कानों की बालियां या गले का पेन्डेन्ट बनाने के लिए यह उपरत्न  उत्तम है।  अंगूठी के रुप में इसे पहनने से यह जल्द टूट सकता है।  यह पन्ना रत्न की तरह बहुत ही बेहतर गुणवत्ता वाला उपरत्न है।

 यह उपरत्न  पूरे विश्व में छोटे खनिज रुप में पाया जाता है लेकिन व्यवसायिक तौर पर बाजारों में यह बहुत ही कम उपलब्ध है।  यह उपरत्न  मुख्य रुप से साइबेरिया में पाया जाता है।  साइबेरिया के ठीक उत्तरी धु्रव के ऊपर यकुतिया नामक स्थान है जहां इसकी खानें स्थित हैं।  साइबेरिया प्रदेश के उत्तरी भाग में बारह में से नौ महीने कडाक़े की ठण्ड होती है, जिससे इस उपरत्न को खानों से निकालने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।  इसलिए पूरे साल इस उपरत्न के उत्पादन में निरंतरता बनाए रखने में कठिनाई आती है।

 नरम होने के कारण इस उपरत्न  की देखभाल आवश्यक है। गर्मी के प्रति यह संवेदनशील होता है।  यह बहुत ही रचनात्मक उपरत्न  है।  धारणकर्ता के भीतर यह रचनात्मकता में वृद्धि करता है।  यह उपरत्न विश्लेषण तथा तर्क करने के लिए, सहायक के रुप में सिखाने की कोशिश करता है।

यह उपरत्न प्रमुख रुप से साइबेरिया प्रदेश के यकुतिया नामक स्थान पर पाया जाता है।  इसके अतिरिक्त यह सोवियत संघ के अन्य देशों में भी पाया जाता है।  जापान, जर्मनी, आयरलैण्ड, अमेरिका तथा भारत में भी यह उपरत्न कुछ मात्रा में पाया जाता है।  श्रीलंका, ब्राजील, मेडागास्कर, दक्षिण अफ्रीका, बर्मा, पाकिस्तान, उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान आदि देश डायोप्साईड उपरत्न के लिए महत्वपूर्ण इलाके बनते जा रहे हैं।

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