सामान्य ज्ञान
मेलाकाइट एक प्रकार का उपरत्न हैै जिसे दहाना फरहग भी कहते हैं। यह उपरत्न मुख्यत: हरे रंग में पाया जाता है। इस उपरत्न को काटने के बाद इसमें शैल के समान गोल आकृति दिखाई देती है। यह उपरत्न बहुत ही छोटे क्रिस्टल में पाया जाता है। बड़े आकार में इसके क्रिस्टल कम ही पाए जाते हैं। यह उपरत्न रेशायुक्त तथा अपारदर्शक होता है। इस उपरत्न में हरे रंग में हल्के तथा गहरे रंग की धारियां दिखाई देती हैं। यह धारियां ही इस उपरत्न को एक अलग पहचान देती हंै और इसे एक अद्वित्तीय उपरत्न बनाती है। इसे जब चमकाया जाता है तब यह रेशमी दिखाई देता है। यह बहुत ही नाजुक उपरत्न है इसलिए इसे गर्मी, अम्ल तथा गर्म पानी से दूर ही रखना चाहिए।
यह बहुत ही लोकप्रिय उपरत्न है। इसे इसके हरे रंग के कारण लोकप्रियता हासिल हुई है। इस उपरत्न का यह नाम ग्रीक शब्द मैलो के नाम पर रखा गया है। जिसका अर्थ है - जड़ी-बूटी या औषधि।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह उपरत्न मानव शरीर के सभी अवरुद्ध चक्रों को खोलने में सहायक होता है और सभी चक्रोंं की ऊर्जा को नियंत्रित रखता है। यह जातक की आध्यात्मिकता तथा तर्कशीलता में वृद्धि करता है। यह सच्चे प्यार को पाने, उसमें संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है। यह धारक को स्वयं की भलाई के लिए प्रोत्साहित करता है। यह उपरत्न अच्छे तथा बली भाग्य का सूचक है। यह धारक को समृद्धि प्रदान करता है। यह उपरत्न धारक को सुरक्षा प्रदान करता है। गर्भवती महिलाओं के गर्भ की सुरक्षा करता है और छोटे बच्चों की सुरक्षा करता है। यह बुराई से सुरक्षा करता है। हवाई यात्रा तथा अन्य यात्राओं में यह धारक को सुरक्षित रखता है। यह धारक को भावनात्मक रुप से भी सुरक्षा प्रदान करता है। जो व्यक्ति स्वयं को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं, उनके लिए यह उपयोगी उपरत्न है।
यह उपरत्न मुख्य रुप से हरे रंग में पाया जाता है। यह गहरे हरे तथा हल्के हरे रंग में पाया जाता है। यह काले रंग में भी पाया जाता है। इस उपरत्न में हल्के तथा गहरे रंग के बैण्ड अथवा धारियां पाई जाती हैं।
यह उपरत्न चिली, अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका, दक्षिणी आस्ट्रेलिया, कांगों, नामीबिया, रुस, मेक्सिको, इंगलैण्ड, एरीजोना, फांस, साइबेरिया, इजराइल, जाम्बिया, यूरल आदि स्थानों पर पाया जाता है।