सामान्य ज्ञान
23 अगस्त वर्ष 2011 को चीनी विज्ञान अकादमी (चाइनीज़ एकैडमी आफ़ साइंसेज़) के वैज्ञानिकों ने ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी के उद्गम स्थल का पता लगाया तथा उनके मार्ग की लंबाई का व्यापक उपग्रह अध्ययन पूरा किया।
चीनी विज्ञान अकादमी चीन में वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में कार्यरत सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्थाओं में से एक है। तिब्बत में विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए उन्होंने इन नदियों के अपवाह क्षेत्र का उपग्रह की मदद से विस्तृत अध्ययन पूरा करने का भी दावा किया। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत, भारत और बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के दक्षिण में मानसरोवर के निकट चेमायुंग दुंग नामक हिमवाह से हुआ है। इसकी लंबाई लगभग 2700 किलोमीटर है। इसका नाम तिब्बत में सांपो, अरुणाचल में डिहं तथा असम में ब्रह्मपुत्र है। यह नदी बांग्लादेश की सीमा में जमुना के नाम से दक्षिण में बहती हुई गंगा की मूल शाखा पद्मा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। सुवनश्री, तिस्ता, तोर्सा, लोहित, बराक आदि ब्रह्मपुत्र की उपनदियां हैं। ब्रह्मपुत्र के किनारे स्थित मुख्य नगरों में, डिब्रूगढ़, तेजपुर एंव गुवाहाटी।
प्राय: भारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं पर ब्रह्मपुत्र एक अपवाद है। संस्कृति में ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र होता है ।