सामान्य ज्ञान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री जन धन योजना- पीएमजेडीवाई-की शुरुआत की है। इस मौके पर राज्यों की राजधानियों और ं राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के अन्य प्रमुख केन्द्रों और सभी जिला मुख्यालयों में इस योजना के शुभारंभ समारोह आयोजित किए गए।
इस मेगा योजना के शुभारंभ के अवसर पर सार्वजनिक बैंकों की विभिन्न शाखाओं ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 60 हजार से भी ज्यादा शिविरों का आयोजन किया गया। इसी दिन तकरीबन 1 करोड़ खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना वित्तीय समावेश पर एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसका उद्देश्य देश में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का एक बैंक खाता खोलना है। ‘पीएमजेडीवाई’ के तहत वित्तीय साक्षरता को प्राथमिकता दी गई है। इस योजना के प्रति जागरूकता के लिए देशी भाषाओं में एक मानक वित्तीय साक्षरता सामग्री भी तैयार की गई है। इस योजना के तहत कम-से-कम 7.5 करोड़ परिवारों को कवर किए जाने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना सब का साथ सब का विकास की हमारी विकास अवधारणा का अहम भाग है। एक बैंक खाता खुल जाने के बाद हर परिवार को बैंकिंग और कर्ज की सुविधाएं सुलभ हो जाएंगी। इससे उन्हें साहूकारों के चंगुल से निकलने, आपातकालीन जरूरतों के चलते पैदा होने वाले वित्तीय संकटों से खुद को दूर रखने और तरह-तरह के वित्तीय उत्पादों से लाभान्वित होने का मौका मिलेगा। पहले कदम के तहत हर खाताधारक को एक रुपे डेबिट कार्ड और एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर दिया जाएगा। आगे चलकर उन्हें बीमा और पेंशन उत्पादों के दायरे में लाया जाएगा।
प्रधानमंत्री जन धन योजना दो चरणों में लागू होगी। पहला चरण 15 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2015 तक होगा जिसमें निम्नलिखित शामिल है-
(1) पूरे देश में सभी परिवारों को उचित दूरी के अंदर किसी बैंक की शाखा या निर्धारित प्वाइंट ‘बिजनेस कॉरसपोंडेंट’ के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं की वैश्विक पहुंच उपलब्ध कराना।
(2) सभी परिवारों को एक लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर सहित रुपे डेबिट कार्ड के साथ कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता उपलब्ध कराना। इसके अलावा खाते का छह महीने तक संतोषजनक परिचालन होने के बाद आधार से जुड़े खातों पर पांच हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा की अनुमति भी दी जायेगी।
(3) वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम शुरू करना जिसका उद्देश्य वित्तीय साक्षरता को ग्राम स्तर तक ले जाना है।
(4) इस मिशन में लाभार्थियों के बैंक खातों के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं के अधीन प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का विस्तार भी शामिल है।
4. किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को रुपे किसान कार्ड के रूप में जारी करना भी योजना के अधीन प्रस्तावित है।
5. दूसरा चरण दो 15 अगस्त 2015 से 14 अगस्त 2018 तक होगा। इसके तहत लोगों को माइक्रो-बीमा उपलब्ध कराना है। बिजनेस कॉरसपोंडेंट (बीसी) के माध्यम से स्वाबलम्बन जैसी गैर-संगठित क्षेत्र पेंशन योजनाएं शुरू करना है।