सामान्य ज्ञान

कच्चतीवू द्वीप
29-Aug-2020 12:52 PM
कच्चतीवू द्वीप

कच्चतीवू द्वीप इस समय चर्चा में है। 40 साल पहले जब भारत ने एक समझौते के तहत कच्चतीवू द्वीप श्रीलंका को दिया था तो उसे अंदाजा नहीं था कि एक दिन ऐसा भी आ सकता है। जब इसी द्वीप के कारण दोनों के बीच संबंधों में खटास आ जाएगी। साथ ही मछुआरों को इसी द्वीप के कारण परेशानियां झेलनी होगी।  1974 में एक समझौते के तहत कच्चतीवू श्रीलंका को दिया गया था। यह सत्तान्तरित है और सीमा की तरह उपयोग में आता है। मछली पकडऩे के चक्कर में भारतीय मछुआरे कच्चतीवू द्वीप के पास चले जाते हैं। ऐसे में श्रीलंकाई नौसेना उन्हें गिरफ्तार कर लेती है।  

कुछ साल पहले तमिलनाडु विधानसभा ने जयललिता द्वारा पेश एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि भारत सरकार को कच्चतीवू द्वीप को वापस लेने के लिए कदम उठाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु की मुख्यमत्री जे. जयललिता और उनके धुर विरोधी एम. करुणानिधी ने इस बारे में याचिकाएं भी डाली हैं। जयललिता का कहना है कि कच्चतीवू द्वीप को श्रीलंका को दिए जाने का समझौता असंवैधानिक है। 

शिक्षा विभाग को पुर्नस्थापित कब किया गया?

29 अगस्त, सन् 1947 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत भारत में शिक्षा को समर्पित  शिक्षा विभाग  को पुर्नस्थापित किया गया। हालांकि इस विभाग के नाम उसकी कार्यप्रणाली और जिम्मेदारियों में स्वतंत्रता के बाद भी समय-समय पर कई बदलाव किए जाते रहे हैं। वर्तमान  समय में मंत्रालय के पास शिक्षा के दो विभाग हैं- 1- उच्च शिक्षा विभाग  और  2-स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग
 भारत केंद्र सरकार ने अपनी अगुवाई में शैक्षिक नीतियों एवं कार्यक्रम बनाने और उनके क्रियान्वयन पर नजऱ रखने के कार्य को जारी रखा है। इन नीतियों में सन् 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा-नीति (एनपीई) तथा कार्यक्रम (पीओए) शामिल है।
 

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