सामान्य ज्ञान
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा की स्थापना एक ऐसी असैनिक एजेंसी के रूप में की गई जिस पर अमेरिका की अंतरिक्ष संबंधी सभी गतिविधियों का संयोजन करने का जिम्मा था। माना जाता है कि नासा की स्थापना करने की प्रेरणा अमेरिका को सोवियत संघ की इस क्षेत्र में बढ़त से मिली। 4 अक्टूबर, 1957 को सोवियत संघ ने अपना पहला उपग्रह स्पूतनिक 1 लॉन्च किया था। बास्केटबॉल के आकार का यह उपग्रह 98 मिनट में धरती का एक चक्कर लगा सकता था। स्पूतनिक की ऐसी ही कई उपलब्धियों ने अमेरिका को हैरान भी किया और थोड़ा असहज भी। ऐसे में अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सोवियत संघ के मुकाबले आगे बढऩे के मकसद से अमेरिका ने नासा की स्थापना का कदम उठाया।
3 नवंबर, 1957 को रूस ने लाइका नाम के कुत्ते के साथ स्पूतनिक 2 अभियान लॉन्च किया। इसके अगले ही महीने अमेरिका ने भी वैनगार्ड नाम का अपना उपग्रह भेजने की कोशिश की। मगर टेकऑफ के कुछ ही समय बाद इसमें विस्फोट हो गया। 31 जनवरी, 1958 को एक्सप्लोरर 1 नाम के अमेरिकी सैटेलाइट के धरती की कक्षा में प्रक्षेपण के साथ ही अमेरिका को पहली सफलता मिली। इस सफलता से उत्साहित होकर, उसी साल जुलाई की 29 जुलाई 1958 को कांग्रेस ने नासा की स्थापना के लिए विधेयक पास किया था। इससे अंतरिक्ष विज्ञान में हमेशा आगे रहने की अमेरिका की प्रतिबद्धता को स्थापित किया गया। तब से लेकर आज तक दुनिया की अग्रणी अंतरिक्ष एजेंसी के रूप में नासा ने कई अंतरिक्ष अभियान सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। हमारे सौर मंडल और पूरे ब्रह्मांड के बारे में नासा के कई अभियानों के जरिए ही नई जानकारियां मिली हैं। इसके अलावा एजेंसी ने धरती का चक्कर लगाने वाले कई उपग्रहों को सफलता से प्रक्षेपित कर मौसम की जानकारी, उसकी भविष्यवाणी और वैश्विक सूचना और संचार के क्षेत्र में भी भारी योगदान दिया है।