सामान्य ज्ञान
27 जुलाई 1950 को कम्युनिस्ट उत्तर कोरिया के सैनिकों ने 38 देशांश पार करते हुए दक्षिण में कब्जा जमाना शुरू किया। कुछ ही दिनों में उन्होंने पूरे देश को अपने कब्जे में ले लिया। यह एक जंग की शुरुआत थी जो 37 महीने चली। अलग-अलग आंकड़ों के मुताबिक करीब 45 लाख लोग इसमें मारे गए। वर्ष 1910 से 1945 के दौरान दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान के कोरिया पर कब्जे के बाद से यह बंटा हुआ है। 38 डिग्री देशांश के ऊपर का हिस्सा सोवियत संघ के नियंत्रण में था और दक्षिणी हिस्सा अमेरिका के।
अगस्त 1948 में सियोल में कोरिया गणतंत्र की घोषणा की गई। इसकी प्रतिक्रिॉया में उत्तर में जनरल किम इल सुंग ने 9 सितंबर को डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोरिया बनाया। 38 डिग्री देशांश से ऊपर उत्तरी कोरिया के आक्रमण के बाद अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के दबाव के कारण जुलाई 1950 में दक्षिण कोरिया को मदद दी। 20 देशों के 40 हजार सैनिक कोरिया भेजे गए। जिनमें से 36 हजार अमेरिकी सैनिक थे। रुख पलटता दिखा जब गठबंधन सेना ने जल्द ही पूरे प्रायद्वीप पर करीब करीब कब्जा कर लिया। 15 सितंबर 1950 के दिन अमेरिकी जनरल डगलस मैक आर्थर्स के नेतृत्व में गठबंधन सेना बंदरगाह शहर इंचेओन के नजदीक पहुंची और उत्तरी हिस्से को असलहा और सामान पहुंचाने वाले ठिकाने पर कब्जा कर लिया। इसके कुछ समय बाद सियोल को गठबंधन सेना ने अपने नियंत्रण में ले लिया और अक्टूबर मध्य तक प्योंगयांग। युद्ध खत्म होता दिखने लगा लेकिन तभी चीन ने अपनी सेना उत्तर कोरिया की मदद के लिए भेज दी। अक्टूबर के बीच चीनी घुसपैठ शुरू हुई। वर्ष 1951 की जनवरी में चीनी उत्तर कोरिया ने बड़े हमले शुरू किए। चार लाख चीनी और एक लाख उत्तर कोरियाई सैनिकों ने गठबंधन सेना को पीछे धकेल दिया। उसी साल अप्रैल में जनरल मैकआर्थर को हटा कर जनरल मैथ्यू बी रिजवे को गठबंधन सेना का प्रमुख बनाया गया। उत्तरी और दक्षिणी कोरिया के बीच युद्ध से पहले तय की गई सीमा पर उत्तर और दक्षिण की पार्टियां 1951 के मध्य तक अड़ गई। इसके बाद गठबंधन सेना और विपक्षी सेना अड़ी रही जो 1953 की गर्मियों तक चली।
तीन साल चले युद्ध में यूएन अमेरिकी युद्धक विमान करीब 10 लाख बार उड़े। कुल मिला कर अमेरिकी सैनिकों ने साढ़े चार लाख टन बम और नेपाम (विस्फोटक पेट्रोलियम जेली) उत्तर कोरिया पर फेंके। देश के अधिकतर बड़़े शहर खाक हो गए। 1953 में जब गठबंधन सेना कोरिया से पीछे हटी तो कई हजार लोग मारे चुके थे। माना जाता है कि युद्ध के दौरान करीब पांच लाख सैनिक मारे गए. चार लाख चीनी। 1953 के अप्रैल से मई की शुरुआत के बीच दोनों कोरिया के बीच सैनिकों की अदला बदली हुई। साल के आखिर तक कई और युद्ध बंदी रिहा किए गए। ं10 जुलाई 1951 को युद्ध विराम होने के दो साल बाद पनमुंजोम समझौता हुआ। प्रायद्वीप का बंटवारा 30 डिग्री देशांश पर सीमेंट से बना दिया गया। दोनों देशों में शांति समझौता अभी तक नहीं हुआ है। आज भी 38 डिग्री देशांश की सीमा सबसे कड़ी चौकसी वाला इलाका है। 1953 के युद्ध विराम के बाद उत्तर और दक्षिण के बीच करीब ढाई सौ किलोमीटर लंबी और चार किलोमीटर चौड़ा असैनिक क्षेत्र है। हर वक्त इसके दोनों तरफ सैनिक तैनात रहते हैं।