सामान्य ज्ञान

तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी
01-Sep-2020 12:01 PM
तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी

45 साल पहले  एक सितंबर 1969 को सैन्य तख्तापलट के बाद मुअम्मर गद्दाफी लीबिया ने खुद को लीबिया का शासक घोषित किया था। 
 लीबिया यूनिवर्सिटी के बेनगाजी कॉलेज में पढऩे के दौरान गद्दाफी ने सेना में भर्ती होने का फैसला किया और  पढ़ाई छोड़ दी। पुलिस रिकॉर्ड खराब होने के बावजूद रॉयल मिलिट्री अकादमी में उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई। 1960 के दशक में लीबिया में राजा इदरिस की सरकार के खिलाफ जन असंतोष बढऩे लगा। उन्हें इस्राएल का करीबी माना जाता था। गद्दाफी ने इसे भांप लिया।   टेस्ट के दौरान गद्दाफी ने अंग्रेजी बोलने से मना कर दिया, इसके चलते उन्हें फेल कर दिया। इसी दौरान यह भी शक हुआ कि 1963 में अकादमी के कमांडर की हत्या में वो शामिल हैं। हालांकि बड़े सैन्य अफसरों ने गद्दाफी का बचाव किया। धीरे धीरे गद्दाफी सेना के भीतर ही अपने विश्वस्त लोगों का एक गुट बनाते गए।
 सेना की नौकरी के साथ गद्दाफी जनांदोलनों में भी शिरकत करते रहे। इसी दौरान 1966 में तीसरे इस्राएल-अरब जगत के बीच चले छह दिन के युद्ध में अरब देशों की बुरी हार हुई। मिस्र समेत अरब जगत की ऐसी हार के लिए इस्राएल और पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया गया। विवाद को धर्म युद्ध जैसा नाम दिया गया। राजा इदरिस को खुले तौर पर इस्राएल का समर्थक करार दिया गया। उनके खिलाफ असंतोष अब और सुलग गया।
 एक सितंबर 1969 की सुबह गद्दाफी की अगुवाई में विद्रोहियों ने राज परिवार को बंधक बना लिया। त्रिपोली को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया. गद्दाफी ने खुद को शासक घोषित किया और देश को लीबिया अरब गणतंत्र नाम दिया। पूरे घटनाक्रम को पहली सितंबर की क्रांति कहा गया। खुद को सुधारवादी कहने वाले गद्दाफी ने शुरुआत में समाजवादी नीतियां भी अपनाई, लेकिन धीरे धीरे वक्त के साथ वो कट्टर होते गए। उन्होंने अपने विरोधियों की हत्याएं करवाई, दूसरे देशों में भी उन पर हमले कराए। 1988 के लॉकरबी हमले के बाद पश्चिम से उनके रिश्ते बिगड़ते चले गए। अमेरिकी यात्री विमान में हुए बम हमले में 243 लोग मारे गए।
वर्ष  2011 के ट्यूनीशिया से शुरू हुए अरब वसंत को गद्दाफी सही तरह नहीं भांप सके। उनके देश में भी प्रदर्शन हुए।   20 अक्टूबर 2011 को गद्दाफी विरोधियों के हाथ लग गए. उनका वहीं अंजाम हुआ जो तानाशाहों का होता है और इस तरह से एक तानाशाह का खात्मा हो गया।
 

रिकेट्स (सूखा रोग)
रिकेट्स यानी सूखा रोग छह से पंद्रह महीने के शिशु में होने वाली हड्डïी की बीमारी है। यह ज्यादातर प्राकृतिक आहार न करने वाले बच्चों को विटामिन ए तथा डी की कमी से होता है। इस बीमारी में 
पैर और हाथ की हड्डिïयां सूखने लगती है और पेट का आकार बढ़ जाता है। बच्चा कमजोर और अविकसित हो जाता है। धूप का सेवन न कराने से यह ज्यादातर होता है।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news