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आज ही टाइटेनिक की तस्वीरें सामने आईं
05-Sep-2020 11:52 AM
आज ही टाइटेनिक की तस्वीरें सामने आईं

5 सितंबर, 1985 में 73 सालों के बाद पहली बार समुद्र में डूब गए विशाल आलीशान जहाज टाइटेनिक की तस्वीरें सामने आई थीं। अमेरिका और फ्रांस के सहयोग से चलाए जा रहे खोजी अभियान में टाइटेनिक के अवशेषों का पता चला। इस अभियान का नेतृत्व डॉक्टर रॉबर्ट बलार्ड कर रहे थे।  जांच दल को पता चला कि जहाज समुद्र में 2.5 मील या करीब 4 किलोमीटर की गहराई पर पड़ा हुआ है।  टूटे फूटे जहाज की पहली तस्वीरें इस अभियान में शामिल आर्गो नामकी एक मानवरहित पनडुब्बी से ली गईं थीं। 

इन तस्वीरों को बड़ा करने पर रिसर्चरों को समुद्रतल पर जहाज का बॉयलर पड़ा हुआ दिखा।  इसके बाद कई और रंगीन कैमरों को पानी के भीतर भेज कर तस्वीरें ली गईं।  टाइटेनिक दुर्घटना से बच कर निकले कुछ लोगों और दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिवारजनों की यही इच्छा थी कि जहाज के अवशेषों को छेड़ा ना जाए।  वे उसे अपने लोगों की समाधि मानते हैं।  टाइटेनिक दुर्घटना में इस जहाज पर सवार 1,500 लोग मारे गए थे।  अमेरिकी नेवी ने कई उपकरणों की मदद से आठ हफ्ते तक खोज अभियान चलाकर जहाज की पहली तस्वीरें पाने में सफलता पाई थी।  1994 में एक अमेरिकी कोर्ट ने न्यूयॉर्क की आरएमएस टाइटेनिक आइएनसी नाम की कंपनी को अवशेषों को बाहर निकालने के विशेष अधिकार दिए. टाइटेनिक के मलबे की छानबीन करने का अधिकार आज भी केवल इसी संस्था के पास है. अब कंपनी उच्च तकनीक और बढिय़ा रिजॉल्यूशन वाले कैमरों की मदद से जहाज के मलबे की 3डी तस्वीरें बनाने पर काम कर रही है।
 

क्या है वीवी दागा समिति
वीवी दागा समिति  का गठन एनएसईएल के फॉरेन्सिक ऑडिट और 5500 करोड़ रुपये के भुगतान घोटाले  मामले की जांच के लिए किया गया है।  बॉम्बे उच्च न्यायालय के निर्देश पर यह समिति गठित की गई है।   
वीवी दागा बॉम्बे उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज हैं। वीवी दागा की अध्यक्षता वाली समिति में तीन सदस्य होंगे और इसमें एक सोलिसिटर और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी होगा। समिति एनएसईएल के दोषी उधारकर्ताओं के खिलाफ बाकी देनदारी का पता लगाएगी, फॉरेन्सिक ऑडिट करेगी और संपत्ति का आकलन करेगी। समिति को ठगे गए निवेशकों को धन वितरित करने का अधिकार दिया गया है, लेकिन धन के वितरण के लिए समिति को न्यायालय से अनुमति लेनी होगी। हालांकि, न्यायालय द्वारा गठित इस समिति को एनएसईएल धोखाधड़ी के मामले में संपत्ति के उपयोग के लिए मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा और आयकर विभाग से अलग से निर्देश लेने होंगे। प्रवर्तन निदेशालय से जुड़ी परिसंपत्तियों को बिक्री से बाहर रखा गया। इसके अलावा न्यायालय ने आदेश दिया कि एनएसईएल और उधारकर्ताओं के बीच अगर किसी तरह का आपसी समझौता होता है तो समिति को फॉरवार्ड मार्केट्स कमिशन (एफएमसी) में ऐसे समझौते की सूचना देनी होगी और न्यायालय को भी इसके बारे में सूचित करना होगा। न्यायालय ने एनएसईएल और उसके प्रमोटरों के खिलाफ समिति गठित करने का आदेश उसके एक प्रमुख निवेशक मॉर्डन इंडिया लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
 

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