सामान्य ज्ञान
6 सितंबर 1915 को दुनिया का पहला युद्धक टैंक बनाया गया था। इंग्लैंड में बने टैंक के इस पहले प्रारूप को लिटिल विलि नाम दिया गया।
लिटिल विलि सिर्फ नाम का ही छोटा था। इस टैंक का वजन 14 टन के आसपास था और अपने टेस्ट रन के दौरान यह कई बार गड्ढों में फंसा, उबड़ खाबड़ सतह पर बमुश्किल ही चल पाया। मगर आगे चलकर इसी प्रोटोटाइप में काफी सुधार किए गए और फिर इन्हें युद्ध के मैदान में उतारने लायक बनाया गया। वर्ष 1918 में सामने आए सुधरे हुए मॉडल को बिग विलि कहा गया। मार्क वन नाम के टैंक का पहला इस्तेमाल फ्रांस में किया गया। दूसरे विश्व युद्ध में टैंकों का खूब इस्तेमाल हुआ।
ब्रिटेन को टैंक बनाने की प्रेरणा पहले विश्व युद्ध के ट्रेंच वॉर से मिली। 1914 में ब्रिटिश आर्मी के कर्नल अर्नेस्ट स्विंटन और विलियम हैंके ने सबसे पहले एक ऐसे युद्धक वाहन की परिकल्पना पेश की जिसके पहियों पर कन्वेयर बेल्ट जैसी संरचना हो। शुरुआत में इसे लैंड बोट मॉडल कहा गया। दुश्मनों से इस तरह के वाहन के विकास की प्रक्रिया को गुप्त रखने के लिए यह बताया गया कि युद्ध के मैदान में पानी पहुंचाने के लिए एक टंकी वाला वाहन बनाया जा रहा है। इसी कारण नया वाहन टैंक के नाम से जाना गय।