सामान्य ज्ञान
जीवविज्ञानी सिमोन वॉट्स ने बदसूरत पशु संरक्षण सोसायटी की स्थापना की है। दुनिया के बदसूरत जानवरों की प्रतियोगिता के विजेता रहे हैं-
1. द ब्लॉब फिश- पिछले साल वोटिंग के जरिए ब्लॉब फिश को बदसूरत जानवरों के समाज का शुभंकर चुना गया था। यह मछली मुश्किल से ही चल पाती है क्योंकि इसमें मांसपेशियां नहीं हैं और उसे खाने के आने का इंतजार करना पड़ता है।
2. न्यूजीलैंड का मशहूर ककापो- ककापो दूसरे स्थान पर आया क्योंकि न्यूजीलैंड के लोगों ने बदसूरत जानवरों की प्रतियोगिता में इसका खूब समर्थन किया। बदसूरत पशु संरक्षण सोसायटी के संस्थापक सिमोन वॉट्स लुप्त होते जानवरों के प्रति जागरुकता बढ़ाना चाहते हैं जो मुश्किल से चिडिय़ाघरों में दिखाई पड़ते हैं।
3. एक्सोलोट्ल- बदसूरत पशु संरक्षण सोसायटी अलग अलग इलाकों का सफर करती और कॉमेडी करके जागरुकता बढ़ाती है। सोसायटी के शो के खत्म होने के बाद स्थानीय दर्शक इलाके के शुभंकर यानी मैसकॉट के लिए मतदान करते है। एक्सोलोट्ल को मैक्सिकन वॉकिंग फिश या मैक्सिकन सालामैंडर भी कहा जाता है। बदसूरत जानवरों की अनोखी प्रतियोगिता में यह तीसरे नंबर पर आई।
4. तितिकाका अंडकोश मेंढक- सिमोन वॉट्स के मुताबिक करीब 250 प्रजातियां हर दिन विलुप्त होने जा रही हैं। वॉट्स और उनके साथी कॉमेडियन अपने शो में इस उदास विषय को हल्का करने की कोशिश करते हैं और इसके साथ ही कोशिश होती है कि संरक्षण पर भी बात हो जाए। अंडकोश मेंढक प्रतियोगिता में चौथे नंबर पर आया और यह विंचेस्टर इलाके का शुभंकर भी है।
5. सूंड वाला बंदर- बदसूरत जानवरों को शायद ही कभी चिडिय़ाघरों में पेश किया जाता है। ना ही लोग इनके बारे में जानते हैं या फिर इन पर शोध होता है। इन प्राणियों में से कई अभी तक वर्गीकृत नहीं हुए हैं। सूंड वाला बंदर इस प्रतियोगिता में पांचवें स्थान पर आया और यह हैमरस्मिथ इलाके का शुभंकर है।
6. डुगोंग- सिमोन वॉट्स बदसूरत जानवरों को भी चिडिय़ाघर में रखने की वकालत करते हैं, लेकिन वे मानते हैं कि केंद्रबिंदू जंगल और ठिकानों के संरक्षण पर होना चाहिए। डुगोंग समुद्री स्तनपायी है जो भारतीय प्रशांत महासागर में रहते है। इसे न्यूकासल के मैसकॉट के तौर पर चुना गया।
शुद्घ पुनरुत्पादन दर अथवा शुद्घ प्रजनन दर
शुद्ध पुनरुत्पादन दर, को कुजिंस्की की प्रजनन दर भी कहा जाता है। यह वह दर है, जिस पर किसी देश की महिला जनसंख्या अपने आपको प्रतिस्थापित करती है। यदि शुद्घ पुनरुत्पादन दर एक हो तो देश की जनसंख्या में स्थिरता की प्रवृत्ति होगी। यह दर एक से अधिक होने पर जनसंख्या में वृद्घि होती है तथा एक से कम होने पर जनसंख्या के घटने की प्रवृत्ति पाई जाती है।