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तंजानिया के नए राष्ट्रपति
02-Nov-2020 12:38 PM
तंजानिया के नए राष्ट्रपति

जॉन पोंबे मगुफूली  ने 29 अक्टूबर को 2015 को तंजानिया का राष्ट्रपति चुनाव जीता है।  वे सत्तारूढ़ चामा चा मपिंदुजीस पार्टी के उम्मीदवार हैं।  
 राष्ट्रीय चुनाव आयोग (एनईसी) के अनुसार जॉन ने 58.46 प्रतिशत मतों के के साथ चुनाव में जीत प्राप्त की। मगुफूली के करीबी प्रतिद्वंद्वी चदेमा पार्टी के एडवर्ड लोवेसा को कुल 39.9 प्रतिशत वोट मिले। लोवेसा तंजानिया के पूर्व प्रधानमंत्री है। इस जीत के साथ ही सीमेंट्स चामा चा मपिंदुजीस (क्रांति की पार्टी) तंजानिया की सत्ता पर पकड़ मजबूत हो गई। सीमेंट्स चामा चा मपिंदुजीस पार्टी वर्ष 1977 में तन्गान्यिका अफ्रीकन नेशनल यूनियन (तनु) और एफ्रो-शिराज़ी पार्टी (एएसपी) के विलय विलय के बाद से सत्ता पर काबिज है। सीसीएम अफ्रीका में सबसे लंबे समय तक सत्ता पर काबिज होने वाली पार्टियों में से एक है। विलय से पहले, तन्गान्यिका अफ्रीकन नेशनल यूनियन और एफ्रो-शिराज़ी पार्टी क्रमश: मुख्य भूमि तंजानिया और जंजीबार के अर्ध स्वायत्त द्वीप समूह में एकमात्र सक्रिय दल थे।
 

एकल विद्यालय
एकल विद्यालय  एक शिक्षक वाले विद्यालय  हैं जो विगत कई वर्षो से भारत के उपेक्षित और आदिवासी बहुल सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में एकल विद्यालय फाउंडेशन द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। 
यह विश्व हिन्दू परिषद का एक महत्वपूर्ण प्रकल्प है। भारत के वनवासी एवं पिछड़े क्षेत्रों में  25 हजार से अधिक एकल विद्यालय चल रहे हैं। ग्रामीण भारत के उत्थान में शिक्षा के महत्व को समझने वाले हजारों संगठन इसमें सहयोग दे रहे हैं। भारत के 27 हजार गांवों के 8 लाख वनवासी बच्चों को एकल विद्यालय फाउंडेशन मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। यहां बुनियादी शिक्षा ही नहीं दी जाती बल्कि समाज के उपेक्षित वर्गों को स्वास्थ्य, विकास और स्वरोजगार संबंधी शिक्षा भी दी जाती है।
 

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