सामान्य ज्ञान
भारत ने 1 नवम्बर 2015 को ब्रम्होस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का पश्चिमी तट के सुदूर क्षेत्र में आईएनएस कोच्चि से सफल परीक्षण किया। ब्रम्होस ने अपने 49वें परीक्षण में सफलतापूर्वक 290 किलोमीटर (अधिकतम मारक क्षमता) दूर खड़े अल्लेप्पी जहाज पर सटीक निशाना साधा। आईएनएस कोच्चि देश का नवीनतम युद्धपोत है जिसे 30 सितंबर 2015 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
ब्रह्मोस मिसाइल सेना द्वारा प्रयोग में लायी जाने वाली पहली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी क्षमता 300 किलोग्राम परमाणु हथियार ले जाने की है। यह दो चरणों पर आधारित मिसाइल है, प्रथम चरण में कठोर प्रोपेलेंट तथा दूसरे चरण में तरल प्रोपेलेंट पर कार्य करती है। इसे भूमि, समुद्र, शिथिल समुद्री क्षेत्र तथा हवा से दागा जा सकता है।
यह फायर एंड फॉरगेट (दागो और भूल जाओ) सिद्धान्त पर आधारित है जिसके अनुसार यह अपने निशाने पर सटीकता से वार करती है। यह अपने निशाने पर 2.8 मैक गति से वार कर सकती है, जो कि अमेरिका द्वारा निर्मित सबसोनिक टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइल से तीन गुना अधिक तेज़ है। मिसाइल का निर्माण ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया। यह रशियन फेडरेशन एवं भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के मध्य एक संयुक्त उद्यम द्वारा विकसित की गयी है। इसका नाम भारत की नदी ब्रहम्पुत्र एवं रूस की नदी मोस्कवा के नाम पर रखा गया है। मिसाइल के नौसेना एवं थलसेना संस्करणों को 2005 तथा 2007 में आरंभ किया गया जबकि इसे वायुसेना में शामिल करने हेतु परीक्षण जारी हैं।