सामान्य ज्ञान
अमेरिका की मशहूर यात्रा पत्रिका कॉनडे नास्ट ट्रैवलर ने 28वीं बार लोगों से पूछा कि दुनिया का सबसे खूबसूरत शहर कौन सा है। 1 लाख 28 हजार लोगों ने वोट दिए। 10 में से 8 शहर यूरोप के हैं।
1.फ्लोंरेंस- इटली के इस शहर को लोगों ने दुनिया के सबसे खूबसूरत शहर के रूप में चुना है । यहां माइकल एंजेलो, लियोनार्डो दा विंची समेत कई कलाकारों ने अपनी विरासत छोड़ी है।
2. वियना, ऑस्ट्रिया- यूरोप के राजा किन ऐशो आराम के साथ जिया करते थे, यह देखना हो, तो आइए वियना और शाम में किसी कैफे में बैठ कर यहां के मशहूर केक का मजा लीजिए।
3. बुडापेस्ट, हंगरी- डोनाउ नदी पर स्थित बुडापेस्ट को डोनाउ की रानी भी कहा जाता है। दरअसल पहले यहां नदी के दोनों ओर दो शहर हुआ करते थे, बुडा और पेश्त दोनों को मिला कर बुडापेस्ट बन गया।
4. सिडनी, ऑस्ट्रेलिया- देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर अपनी सफेद रेत के लिए जाना जाता है और यह ऑपेरा हाउस तो जैसे सिडनी की पहचान ही बन चुका है।
5. पेरिस, फ्रांस-प्यार की नगरी पेरिस शायद हमेशा ही इस सूची में देखने को मिलेगी. आइफल टावर हो, नॉत्रे दाम या लूव्रे, देखने के लिए पेरिस में बहुत कुछ है।
6. रोम, इटली- यह 3 हजार साल पुराना शहर है और यहां आज भी संस्कृति और इतिहास को बचा कर रखा गया है, केवल म्यूजियम में ही नहीं, बल्कि यहां की सडक़ों पर भी।
7. प्राग, चेक गणराज्य- यहां का किला करीब एक हजार साल पुराना है और दुनिया के सबसे बड़े किलों में शामिल है। यहां शहर के बीचोबीच मौजूद 600 साल पुरानी घड़ी आज भी सही वक्त बताती है।
8. ब्रूज, बेल्जियम- इस शहर पर आज भी यूरोप के मध्यकालीन युग की छाप है। छोटी-छोटी नहरों पर बने पुराने गिरजाघर शहर को अनोखा रूप देते हैं। यहां आना एक रोमांचक अनुभव है।
9. क्योटो, जापान-यह आधुनिक जापान का पारंपरिक शहर है. यहां कई पुराने महल, किले और मंदिर देखे जा सकते हैं। साथ ही कुदरत का खूबसूरत नजारा भी लोगों को यहां खींचता है।
10. लंदन, ब्रिटेन- सैलानियों की तादाद पर नजर डालें, तो लंदन दुनिया के अच्छे से अच्छे शहर को टक्कर दे सकता है। हर साल यहां 1.7 करोड़ लोग पहुंचते हैं।
नवधा भक्ति किसे कहा जाता है?
भगवान विष्णु की नौ प्रकार की भक्ति ही नवधा भक्ति कहलाती है। भागवत के अनुसार नवधा भक्ति के रूप हैं- श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन, वंदन, सख्य, दास्य और आत्म-निवेदन। अध्यात्म रामायण के अनुसार सत्संग, भगवत् कथा लाभ, गीतादि वाक्यों की व्याख्या, भगवत वाक्यों की व्याख्या, गुरु की निष्कपट सेवा, पवित्र स्वभाव, मंत्रोपासना, भक्तों के प्रति श्रद्घा तथा वैराग्य-ये नवधा भक्ति के प्रकार हैं।