सामान्य ज्ञान
पान एक बहुवर्षीय बेल है, जिसका उपयोग हमारे देश में पूजा-पाठ के साथ-साथ खाने में भी होता है। खाने के लिए पान पत्ते के साथ-साथ चूना कत्था तथा सुपारी का प्रयोग किया जाता है। ऐसा लोक मत है कि पान खाने से मुख शुद्ध होता है, वहीं पान से निकली लार पाचन क्रिया को तेज करती है, जिससे भोजन आसानी से पचता है। साथ ही शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है। भारत में पान की खेती लगभग 50 हजार हैक्टेयर में की जाती है। इसके अतिरिक्त पान की खेती बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर,थाईलैण्ड, फिलीपिंस, पापुआ, न्यूगिनी आदि में भी सफलतापूर्वक की जाती है।
भारत वर्ष में पान की खेती प्राचीन काल से ही की जाती है। अलग-अलग क्षेत्रों में इसे अलग- अलग नामों से पुकारा जाता है। इसे संस्कृत में नागबल्ली, ताम्बूल हिन्दी भाषी क्षेत्रों में पान मराठी में पान/नागुरबेली, गुजराती में पान/नागुरबेली तमिल में बेटटीलई,तेलगू में तमलपाकु, किल्ली, कन्नड़ में विलयादेली और मलयालम में बेटीलई नाम से पुकारा जाता है। देश में पान की खेती करने वाले राज्यों में प्रमुख राज्य हैं-कर्नाटक , तमिलनाडु , ओडि़शा, केरल , पश्चिम बंगाल, असम (पूर्वोत्तर राज्य),महाराष्ट्र , उत्तर प्रदेश , ,मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान।
पान अपने औषधीय गुणों के कारण पौराणिक काल से ही प्रयुक्त होता रहा है। आयुर्वेद के ग्रन्थ सुश्रुत संहिता के अनुसार पान गले की खरास एवं खिचखिच को मिटाता है। यह मुंह के दुर्गन्ध को दूर कर पाचन शक्ति को बढ़ाता है, जबकि कुचली ताजी पत्तियों का लेप कटे-फटे व घाव के सडऩ को रोकता है। अजीर्ण एवं अरूचि के लिए प्राय: खाने के पूर्व पान के पत्ते का प्रयोग काली मिर्च के साथ तथा सूखे कफ को निकालने के लिये पान के पत्ते का उपयोग नमक व अजवायन के साथ सोने के पूर्व मुख में रखने व प्रयोग करने पर लाभ मिलता है।
पान एक लताबर्गीय पौधा है, जिसकी जड़ें छोटी कम और अल्प शाखित होती है। जबकि तना लम्बे पोर, चोडी पत्तियों वाले पतले और शाखा बिहीन होते हैं। इसकी पत्तियों में क्लोरोप्लास्ट की मात्रा अधिक होती है। पान के हरे तने के चारों तरफ 5-8 सेमी0 लम्बी,6-12 सेमी0 छोटी लसदार जडें निकलती है, जो बेल को चढ़ाने में सहायक होती है। आकार में पान के पत्ते लम्बे, चौड़े और अण्डाकार होते हैं, जबकि स्वाद में पान चबाने पर तीखा, सुगंधित और मीठापन लिए होता है।
पान में मुख्य रूप से निम्न कार्बनिक तत्व पाए जाते हैं, इसमें प्रमुख निम्न है:-
फास्फोरस 0.13 0.61 प्रतिशत
पौटेशियम 1.8 36 प्रतिशत
कैल्शियम 0.58 1.3 प्रतिशत
मैग्नीशियम 0.55 0.75 प्रतिशत
कॉपर 20-27 पी.पी.एम. -
जिंक 30-35 पी.पी.एम. -
शर्करा 0.31-40 /ग्रा. -
कीनौलिक यौगिक 6.2-25.3 /ग्रा. -
पान में पाये जाने वाले बिटामिनों में ए,बी,सी प्रमुख है।